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तरक्की पर मोदी का संसदीय क्षेत्र, यहां हैं इतने मानरेगा कार्ड धारक

मुबंई से लौटे प्रवासी मजदूर हरिनारायण, विनय राजभर,ईंदल और अनिल शिवधनी से जब बातचीत की गई तो उन्होंने सरकार की व्यवस्था के प्रति संतोष जताया और कहा कि इससे जहां एक ओर मजदूरो का अनावश्यक पलयान रुकेगा

Rahul Joy
Published on: 18 Jun 2020 9:11 AM GMT
तरक्की पर मोदी का संसदीय क्षेत्र, यहां हैं इतने मानरेगा कार्ड धारक
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लखनऊ । प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जनता के सक्रिय सहयोग से बहुमुखी विकास कार्य जोर पकड़ता जा रहा है। लॉकडाउन के बाद जिस तरीके से यहां के लोगों ने सरकार द्वारा दिये गये आर्थिक पैकेज से लाभ उठाकर विकास की ओर आगे बढे है,वह सराहनीय है। बात अगर सेवापुरी ब्लाक के गांव बेलवां की करें तो यहां मनरेगा के तहत विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर कार्य जारी है।

तीन तालाबों की खुदाई की गयी

जब हमने बेलवा की ग्राम प्रधान चमेली देवी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में लगभग 650 मनरेगा जाब कार्डधारक है।उसमें से करीब 450 जाब कार्डधारक एसे है जो सक्रिय है। उन्होंने बताया कि गांव में मनरेगा के तहत तीन तालाबों की खुदाई की गयी है। और इस बात के प्रयास किए जा रहे है कि जो भी काम कराये जायें वे मानक के अनुरुप हो और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूती दें।

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सरकार की व्यवस्था के प्रति संतोष जताया

मुबंई से लौटे प्रवासी मजदूर हरिनारायण, विनय राजभर,ईंदल और अनिल शिवधनी से जब बातचीत की गई तो उन्होंने सरकार की व्यवस्था के प्रति संतोष जताया और कहा कि इससे जहां एक ओर मजदूरो का अनावश्यक पलयान रुकेगा वहीं दूसरी ओर गांव के विकास को भी नई गति मिलेगी ।ग्राम प्रधान चमेली देवी ने बताया कि धोबीघाट तालाब का गहरीकरण, भूमि समतलीकरण, कच्ची सड़क निर्माण, नाला की सफाई तथा किसानों की सिंचाई के लिए नाली निर्माण एवम् खेतों में बंधी निर्माण इत्यादि कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है ।

बरसात के पानी को संरक्षित करने एवं किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई की नालियों का गहरीकरण का कार्य हो जाने से बरसात के जल का संरक्षण हो सकेगा।

बच्चों को दी जाए अच्छी सुविधा

साथ में उन्होंने यह भी बताया कि प्राथमिक विद्दालय बेलवां का भी सौन्दर्यीकरण मनरेगा के अतंर्गत किया जायेगा ताकि बच्चों को अच्छी सुविधा दी जा सके। सरकार का प्रयास है कि पूरे देश में मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तय कर दी जाये ताकि कामगारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। गौरतलब है कि लॉकडाउन ने देश की तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी। विकास के तमाम मापदंडो के बावजूद आज भी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अपना अलग महत्व है। मनरेगा के तहत उतर प्रदेश मे इसी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से नई गति देकर आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने का सपना साकार करने की कोशिश जारी है।

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