सावधान! ये चूक पड़ेगी भारी, ऐसे तबाही मचा देगा कोरोना का नया स्ट्रेन

चौक, केसरबाग, इंदिरानगर, मुरलीनगर सब्जी मंडियों और चौक की फूल मंडी में लोगों की भीड़ इसे बढ़ाने का काम रही है। जिस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। केसरबाग मंडी में भी आज सुबह भारी भीड़ थी तमाम लोग खांस रहे थे लेकिन कोई भी कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहा था।

SK Gautam
Published on: 25 Feb 2021 7:27 AM GMT
सावधान! ये चूक पड़ेगी भारी, ऐसे तबाही मचा देगा कोरोना का नया स्ट्रेन
X
सावधान! ये चूक पड़ेगी भारी, ऐसे तबाही मचा देगा कोरोना का नया स्ट्रेन

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: भारत में कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने और महाराष्ट्र के फिर से लॉकडाउन की ओर बढ़ने के बाद अब उत्तर प्रदेश में मरीजों की संख्या एक बार फिर बढ़ने से प्रशासन अलर्ट हो गया है। लेकिन आम जनता की लापरवाही कोरोना को एक बार फिर फैला सकती है। वर्तमान समय में आम आदमी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का कहीं पर भी पालन नहीं कर रहा है।

कोरोना के नये स्ट्रेन का राजधानी लखनऊ

राजधानी लखनऊ इस समय कोरोना फैलने वाले राज्यों से सीधे कनेक्टिविटी को लेकर कोरोना के नये स्ट्रेन की चपेट में आने के हाई रिस्क में आ गई है। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर अब स्वास्थ्य विभाग की पहले जैसी चुस्ती नहीं है। लोग कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच भी नहीं हो रही है जिससे दूसरे लोगों के उनके संपर्क में आकर कोरोना की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है।

corona new strain in lucknow-3

स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल

चौक, केसरबाग, इंदिरानगर, मुरलीनगर सब्जी मंडियों और चौक की फूल मंडी में लोगों की भीड़ इसे बढ़ाने का काम रही है। जिस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। केसरबाग मंडी में भी आज सुबह भारी भीड़ थी तमाम लोग खांस रहे थे लेकिन कोई भी कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहा था। इन हालात में बच्चों के स्कूल खोलने के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है। क्योंकि स्कूलों में जब बच्चे जाएंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल हो जाएगा। और एक साथ तमाम बच्चों के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाएगा।

ये भी देखें: ममता की ई-बाइक रैली: तेल की कीमतों के खिलाफ उतरीं सड़क पर, ऐसे जताया विरोध

यह भी देखने में आरहा है कि कई प्रतिष्ठित स्कूल अपने शिक्षकों के कोविड की चपेट में आने की जानकारी छिपा कर बच्चों को स्कूल बुला रहे हैं इससे इन बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है।

2021 में हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा-विशेषज्ञ

अगर विशेषज्ञों की बात पर गौर करें तो 2021 में हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा। विशेषज्ञ बार बार कह रहे हैं कि जब तक 70 से 80 फीसदी आबादी इसकी चपेट में नहीं आ जाती हर्ड इम्युनिटी नहीं बन पाएगी। इसका निदान वैक्सीनेंशन है लेकिन इसे एक साथ सारी आबादी को लगाया जाना संभव नहीं है। ऐसे में सरकार को सख्ती से गाइडलाइन का पालन कराना अनिवार्य हो जाता है।

ये भी देखें: पुडुचेरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अदालतें और अस्पताल भी धीरे धीरे सामान्य ओपीडी की तरफ बढ़ रहे हैं। इन स्थानों से भी कोविड फैलने का खतरा है। इस संबंध में एक चिकित्सक कहते हैं कि ऐसा लगता है कि कुछ जल्दबाजी हो रही है। अभी हालात सामान्य होने का संकेत नहीं है। लोगों के एक साथ भीड़ में जुटने में कोविड की चपेट में आने का खतरा बढ़ जा रहा है।

corona new strain in lucknow-4

पूरे साल मास्क और दो गज की दूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि जरा सी लापरवाही एक बड़ी आबादी को कोरोना महामारी की चपेट में लाकर बड़ी तबाही ला सकती है। कम से कम इस पूरे साल मास्क और दो गज की दूरी पर अमल करके ही हम अपनी और अपने परिवार की हिफाजत कर पाएंगे।

ये भी देखें: डैनी डेन्जोंगपा: चेहरा देख प्रोड्यूसर ने दिया था ‘वॉचमैन’ का ऑफर, बाद में मिला पद्मश्री

शुगर, हार्ट, उच्चरक्तचाप और मोटापे के शिकार लोगों और बुजुर्ग लोगों को विशेष सावधानी बरतना अपरिहार्य है। जो लोग कोरोना की चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं वह भी नई लहर की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story