×

Bhadohi News: ‘जहां सोच… वहां कुछ नहीं!’ यूपी के इस रेलवे स्टेशन पर नहीं संचालित है एक भी शौचालय, लोगों में रोष

Bhadohi News:(सुरियांवा, भदोही)। रेलवे स्टेशन सुरियांवा पर यूरिनल व शौचालय की एक भी व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय लोगों और मुसाफिरों में भारी नाराजगी है।

Umesh Singh
Published on: 9 July 2023 3:44 PM GMT
Bhadohi News: ‘जहां सोच… वहां कुछ नहीं!’ यूपी के इस रेलवे स्टेशन पर नहीं संचालित है एक भी शौचालय, लोगों में रोष
X
रेलवे स्टेशन सुरियांवा: Photo- Newstrack

Bhadohi News: (सुरियांवा, भदोही)। रेलवे स्टेशन सुरियांवा पर यूरिनल व शौचालय की एक भी व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय लोगों और मुसाफिरों में भारी नाराजगी है। बताया जा रहा है कि यहां के शौचालय में ताला लटक गया है, जिसकी वजह पानी की टंकी तक पाइप लाइन नहीं होना है। जब पानी नहीं तो शौचालय को लंबे वक्त से बंद रखा गया है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्रधानमंत्री के ‘जहां सोच, वहां शौचालय’ अभियान की रेलवे स्टेशन उड़ा रहा धज्जियां

आश्चर्य की बात है कि जहां प्रधानमंत्री के अभियान को साकार करते हुए घर-घर, गांव-गांव तक शौचालय बन गए हैं वहां ये रेलवे स्टेशन ऐसा है जहां न तो समुचित संख्या में शौचालय हैं। जो एकमात्र शौचालय यहां है भी उसमें पानी के अभाव में ताला लटका हुआ है।

करीब डेढ़ लाख की आबादी हो रही प्रभावित

प्रधानमंत्री भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार देश व प्रदेश में भारी पैमाने पर शौचालय, सार्वजनिक शौचालय, सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था कर रही है लेकिन सुरियांवा रेलवे स्टेशन इससे अछूता है। यहां से करीब डेढ़ लाख की आबादी का आवागमन होता है। लेकिन फिलहाल सुरियांवा स्टेशन पर कोई यूरिनल या शौचालय वर्किंग कंडीशन में नहीं है।

ये कहना है स्टेशन मास्टर का

स्टेशन मास्टर एलबी राम बताते हैं कि पानी की व्यवस्था पाइप लाइन से टंकी तक ना होने के अभाव में शौचालय में ताला लगा हुआ है। कई बार पत्र लिखा गया है, इसके बाद भी पाइप लाइन नहीं बिछाई गई। न तो पानी की आपूर्ति शौचालय तक की गई। यह बहुत पुराना शौचालय है। एक पुरुष और एक लेडीज के लिए बना है। किंतु पानी की व्यवस्था ना होने से वहां ताला बंद करना पड़ा है। यूरिनल की व्यवस्था नहीं है।

महिलाओं में गहरी नाराजगी

इस संबंध में सुरियांवा क्षेत्र की रहने वाली सविता उमर वैश्य का कहना है कि पुरुष लोग तो शौचालय के अभाव में उतना प्रभावित नहीं होते किंतु अगर महिला या लड़की है तो उनके लिए ये बहुत ही परेशानी और दुख की बात है कि स्टेशन पर एक भी बाथरूम नहीं चल रहा है। सरकार भले ही ढिंढोरा पीटती हो लेकिन यहां के रेलवे वालों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हम महिलाओं के लिए प्लेटफार्म पर रुकना बहुत भारी पड़ता है। शर्मिंदगी से रहना पड़ता है। सुरियांवा की ही रहने वाली अन्नू गुप्ता का कहना है कि जब हर स्टेशन पर सार्वजनिक शौचालय बने हैं तो सुरियावां रेलवे स्टेशन की इस बदहाली पर शर्म आती है।

स्थानीय निवासी संगीता वर्मा कहती हैं कि हम कैसे ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफार्म पर रुकें, इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। सुरियांवा की ही निवासी रुबीना बानो कहती हैं कि आम महिलाओं पर इस लापरवाही की वजह से क्या गुजरती है, वो ही जानती हैं। ज्यादातर महिलाएं शर्म की वजह से कुछ कह भी नहीं पातीं।

Umesh Singh

Umesh Singh

Next Story