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हुड्डा की किस्मत! तय करेगा ये चुनाव, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर

9 साल से ज्यादा समय तक हरियाणा में सीएम रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विधानसभा चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हुड्डा सन् 2014 में राज्य में सरकार बनाने में असफल रहे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत और बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से दोनों चुनाव हार गए।

Vidushi Mishra
Published on: 29 Aug 2023 6:23 PM IST
हुड्डा की किस्मत! तय करेगा ये चुनाव, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर
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नई दिल्ली : 9 साल से ज्यादा समय तक हरियाणा में सीएम रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विधानसभा चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हुड्डा सन् 2014 में राज्य में सरकार बनाने में असफल रहे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत और बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से दोनों चुनाव हार गए। ऐसे यह चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तय करने वाला साबित होगा, क्योंकि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। बता दें कि 90 सीटों का लेखा-जोखा देखें तो 60 से अधिक सीटों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। उनके सभी समर्थकों को टिकट मिल गया है।

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13 विधायकों दिलाया टिकट

2 महीने पहले हुड्डा के एक इशारे पर बागी बनने के लिए चल पड़े सभी 13 विधायकों को उन्होंने दोबारा टिकट दिला दिया है। इनमें से ज्यादातर विधायक रोहतक, सोनीपत और झज्जर जिले से संबंध रखते हैं। पहले इन जिलों की ज्यादातर सीटें रोहतक में ही आती थीं। बाद में सोनीपत और झज्जर दो अलग जिले बनने के बाद विधानसभा सीटों का भी बंटवारा हो गया।

बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। आजादी के बाद पंजाब सरकार में मंत्री भी रहे। हुड्डा हरियाणा के सांपला सीट से चुनाव जीतकर दो बार सीएम बने। भूपेंद्र सिंह के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा भी सांसद रह चुके हैं। राहुल गांधी के खास दोस्तों में दीपेंद्र की गिनती होती है।

BHUPENDRA SINGH

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर रोहतक जिले की गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा सीट से चुनाव में उतरे हैं। उनके खिलाफ बीजेपी ने सतीश नांदल पर दांव खेला है। वहीं, इनेलो ने कृष्ण कौशिक को उतारा है तो जजपा ने डॉ. संदीप हुड्डा और ‘आप’ ने मनीपाल अत्री को उतारकर जबरदस्त घेराबंदी की है।

इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाकर यह तो साबित कर दिया कि कांग्रेस हाईकमान आज भी उनके साथ है। अब उनके सामने बड़ी चुनौती अपने समर्थकों को जीत दिलाने की है।

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