×

लखनऊ यूनिवर्सिटी में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, ये है पूरा मामला

लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति एस.पी. सिंह ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी । उन्होंने बताया कि "यूनिवर्सिटी की 2000-01 की चेकबुक की नकल करके इतनी बड़ी धन राशि निकाली गई  । यह रकम जालसाजों ने 11 बार भुगतान निकाला है ।

Newstrack
Published on: 13 July 2023 1:50 AM GMT (Updated on: 13 July 2023 2:06 AM GMT)
लखनऊ यूनिवर्सिटी में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, ये है पूरा मामला
X

लखनऊ: देश और प्रदेश के युवक अपना भविष्य बनाने के लिए बड़े सपने लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते हैं ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके । लेकिन यूनिवर्सिटी के अधिकारी और कर्मचारियों का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है । जिसमें यूनिवर्सिटी के अकाउंट से लगभग एक करोड़ रुपये की रकम निकाल ली गई । लेकिन विवि प्रशासन को इसकी भनक तक न लग पाई ।

लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति एस.पी. सिंह ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी । उन्होंने बताया कि "यूनिवर्सिटी की 2000-01 की चेकबुक की नकल करके इतनी बड़ी धन राशि निकाली गई । यह रकम जालसाजों ने 11 बार भुगतान निकाला है ।

ये भी देखें : अफगानिस्तान: भारत चुप क्यों है?

पुराने चेक की क्लोनिंग कर निकाली गयी ये रकम

इस संबंध में हसनगंज थाने में मामला दर्ज कराया गया है । खास बात यह है कि पैसे निकालने में पुरानी चेक की क्लोनिंग की गई । चेक का भुगतान पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक से किया गया । ये सभी क्लोन चेक यूको बैंक के थे ।"

चेक के माध्यम से 11 अलग-अलग फर्मों को भुगतान किया गया

कुलपति ने बताया, "यूनिवर्सिटी के अकाउंट से अप्रैल 2018 से एक मई 2019 के बीच 11 चेक के जरिए 1,0982935 रुपये खाते से निकाले गए । इन चेक के माध्यम से 11 अलग-अलग फर्मों को भुगतान किया गया । मामला सामने आने पर इसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हसनगंज थाने में दर्ज कराई । जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है ।"

कुलपति ने कहा, "भुगतान करने में वर्ष 2000 की चेक, जो पहले जारी हो चुकी थी, उनका इस्तेमाल किया गया ।

ये भी देखें : आ गयी बंपर भर्ती: जल्द करें आवेदन, कहीं निकल न जाए मौका

विवि प्रशासन ने अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया

पुलिस ने भी माना कि जालसाजों ने चेक की क्लोनिंग कर वारदात को अंजाम दिया ।कुलपति सिंह ने जांच के लिए एक आंतरिक समिति भी गठित की है, जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी ।

पूरे मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है । एक साल तक विवि के खाते से पैसे निकाले जाते रहे, लेकिन प्रशासन को भनक तक नहीं लगी । मामला उजागर होने पर प्रेस वार्ता करके विवि प्रशासन ने अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है ।

Newstrack

Newstrack

Next Story