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विधान परिषद में गूंजा बिजनौर हत्याकांड व उन्नाव रेप का मामला, विपक्ष का हंगामा

विधान परिषद में आज ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, बिजनौर हत्याकाण्ड, मुजफ्फरनगर के सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को दिये जानेवाले मिड-डे मील की गुणवत्ता तथा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान न होने का मामला गूंजा।

Aditya Mishra
Published on: 18 Dec 2019 3:29 PM GMT
विधान परिषद में गूंजा बिजनौर हत्याकांड व उन्नाव रेप का मामला, विपक्ष का हंगामा
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लखनऊ: विधान परिषद में आज ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, बिजनौर हत्याकाण्ड, मुजफ्फरनगर के सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को दिये जानेवाले मिड-डे मील की गुणवत्ता तथा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान न होने का मामला गूंजा।

ध्वस्त कानून व्यवस्था तथा महिला सुरक्षा के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने वेल में आकर हंगामा किया। सपा, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने सदन से वाक आउट किया। प्रश्न प्रहर आज भी हंगामे की ही भेंट चढ़ा।

बिजनौर कांड पर सपा की वेल में नारेबाजी

प्रश्न प्रहर शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि हमने नोटिस दी है कि बिजनौर की सीजीएम कोर्ट के अन्दर बेखौफ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। जो प्रदेश की गिरती हुयी कानून व्यवस्था को बया करता है। यह पहली घटना नहीं है।

प्रदेश में ना तो कोर्ट महफूज है और ना ही सड़क। प्रदेश में शरीफ लोगों पर लाठी चार्ज हो रहा है जबकि अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह ऐसी सरकार है जोे अपने ही सौ विधायक नहीं संभाल पा रही है तो प्रदेश की कानून व्यवस्था क्या संभालेगी।

इसके बाद सपा के सदस्य कानून व्यवस्था ध्वस्त है योगी बाबा मस्त है का नारा लगाते हुए वेल में आ गये। अधिष्ठाता ओम प्रकाश शर्मा ने सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया लेकिन सदस्यों के शान्त न होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

इसके बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सपा और कांग्रेस सदस्य वेल में आ गये व नारेबाजी करने लगे। जिस पर अधिष्ठाता ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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अधिकारियों के अमर्यादित आचरण का मामला भी गूंजा

सपा के शतरूद्र प्रकाश ने मण्डलायुक्त वाराणसी दीपक अग्रवाल के विरूद्ध अवमानना का प्रश्न किये जाने के संबंध में सूचना दी। अधिष्ठाता ने कहा कि सदन की विभिन्न समितियां अपने अध्ययन भ्रमण कार्यक्रमों में विभिन्न जिलों में गई और जा रही है, उनके साथ प्रशासनिक अधिकारियों का व्यवहार सदन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है।

इस प्रकार की शिकायतें अनेक सदस्यों व समिति के सभापति की ओर से प्राप्त हुई हैं। लखनऊ में आयोजित समितियों की बैठकों में भी सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं परिणामस्वरूप जनहित के कार्याें में व्यवधान होता है।

अधिष्ठाता ने शासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुये निर्देश दिया कि सभापति, नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक करके ऐसे प्रकरणों का निस्तारण और स्थायी व्यवस्था की कार्यवाही सुनिश्चित कराये।

उन्नाव रेप मामले पर पूरे विपक्ष का हमला

सपा के अहमद हसन, शतरूद्र प्रकाश, बलराम यादव एवं अन्य सदस्यों ने प्रदेश में महिला उत्पीड़न, बलात्कार व यौन उत्पीड़न की घटनाओं का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाते हुए कहा कि उन्नाव की बेटी के साथ जो घटना हुयी वह शर्मनाक है। एक तरफ तो सरकार कह रही कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जबकि दूसरी ओर प्रदेश का यह हाल है।

इसी विषय से संबन्धित कांग्रेस के दीपक सिंह की नियम-111 की और बसपा के दिनेश चन्द्र, अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप, भीमराव अम्बेडकर, प्रदीप कुमार जाटव की सूचना को भी सम्बद्ध कर दिया। सपा के सुनील साजन ने कहा कि उन्नाव की घटना में सरकार बलात्कारियों के साथ खड़ी दिखायी दे रही और उनको बचाने का काम कर रही है।

हम सरकार से जानना चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है। साथ ही मामला दर्ज करने में हुयी देरी के लिए तत्कालीन अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेगी।

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महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिल पा रही है: कांग्रेस

कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। शिकायतें दर्ज नहीं हो रही हैं। महिला उत्पीड़न की घटनाएं छिपायी जा रही हैं।

उन्होंने कहा-स्याही तक सूख नहीं पाती अखबारों की, नई खबर आ जाती है बलात्कारियों की। उन्होंने आगरा, उन्नाव, मैनपुरी, औरैया, लखीमपुर, कानपुर आदि की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा बलात्कारियों के मन में सरकार का कोई डर नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि घटनाओं को छिपाया जा रहा है। अदालत के आदेश के बाद ही एफआईआर हो रही है। बेईमानों-भ्रष्टों बेइमानों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। हालात बद् से बदतर हो गये हैं। नेता सदन ने कहा कि किसी भी सरकार में महिलाओं के साथ ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है।

हमारी सरकार ने महिला संरक्षण को लेकर अनेक उपाय किये हैं। उन्होंने कब्जा करनेवाली और ट्वीट करनेवाली पार्टियां के राज में हुयी घटनाओं का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार के समय घटनाओं में 18 प्रतिशत की कमी आयी है। उनके इतना कहते ही सपा सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े हो गये और सरकार पर गलतबयानी कर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए वेल में आ गये।

इसके बाद सपा सदस्य वाक आउट कर गये। बसपा नेता दिनेश चन्द्रा ने कहा कि सरकार नारा देती बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ लेकिन जब आपसे बचेंगी बेटियां तभी तो बढ़ेेंगी बेटियां- जब आपसे बचेंगी बेटियां तभी तो पढ़ेगी बेटियां।

उन्होंने कहा कि यह सरकार तो दिया जलाओ-ताली बजाओ के नारे पर चल रही है। इसके बाद बसपा ने सदन से वाक आउट किया और कांग्रेस ने भी सदन से वाक आउट किया।

मिड डे मील की गुणवत्ता पर उठे सवाल

शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा, हेम सिंह पुण्डीर, जगवीर किशोर जैन एवं अन्य सदस्यों ने मुजफफ्रनगर के सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की मिड-डे मील व्यवस्था के तहत निर्धारित एनजीओ द्वारा दूषित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किये जाने का मामला उठाया।

सदस्यों ने कहा कि सरकार ने एनजीओ पर कार्रवाई की पर शिक्षक व प्रधानाचार्य पर भी मुकदमा दर्ज करा दिया है। प्रधानाचार्य व शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कराना अनुचित है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सेवा नियमावली में भोजन पकवाने और चखने का कहीं उल्लेख नहीं है।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि एनजीओ पर तत्काल मुकदमा लिखाते हुए उसे तीन वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है। शिक्षकों का दायित्व बनता था कि वे इसकी निगरानी करें।

निष्पक्ष जांच हो रही है। शिक्षकों को अपमानित नहीं किया जा रहा है। विद्यालय में कुछ भी घटित होता है तो प्रधानाचार्य व शिक्षकों को जिम्मेदारी लेनी होगी। अधिष्ठाता ने कहा कि मंत्री के वक्तव्य को ही वहां के शिक्षकों में वितरित कर दिया जाये।

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गन्ना मूल्य भुगतान पर सपा का वाक आउट

कांग्रेस के दीपक सिंह व नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गन्ना किसानों के बकाये भुगतान का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। इसी विषय से संबन्धित सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, शशांक यादव, बलराम यादव एवं अन्य की नियम-105 की सूचना को भी उक्त सूचना के साथ सम्बद्ध किया गया। सूचना की ग्राहय्ता पर ने दीपक सिंह, शशांक यादव, नरेश उत्तम, संजय लाठर एवं नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने विचार व्यक्त किये।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि 30 माह में 77 हजार करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान सरकार ने किया है। कई बन्द पड़ी चीनी मिलों को चालू किया गया है। तीन नई चीनी मिलें पूर्वांचल में लगायी गयी है।

बीते पेराई सत्र का 2660 करोड़ बकाया है। पिछली सरकारों में दस चीनी मिलें बन्द हुयी थी। मंत्री पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए सपा सदस्य वेल में आ गये, बाद में कांग्रेस भी वेल में गयी। अधिष्ठाता यज्ञ दत्त शर्मा ने कहा कि पहले मंत्री की बात सुने फिर प्रश्न करें। सपा सदस्यों ने सदन से वाक आउट किया, उसके बाद काग्रेस ने भी वाक आउट किया।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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