TRENDING TAGS :
Meerut News: राज्य सरकार की कृषि नलकूपों की बिजली फ्री करने की घोषणा बावजूद किसानों के भेजे जा रहे हैं बिल, किसान परेशान
Meerut News: योगी सरकार ने 1 अप्रैल से उन किसानों की बिजली मुफ्त कर देने की घोषणा की थी, जो निजी ट्यूबवेल लगाकर फसल की सिंचाई करते थे। यानी राज्य सरकाकर की इस घोषणा के अनुसार अब इन किसानों को बिजली का बिल नहीं देना पड़ेगा। जिसके बाद भी मेरठ जोन के 60 हजार से अधिक किसानों को करीब 10 करोड़ के बिल अब तक भेजे जा चुके हैं।
Meerut News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 1 अप्रैल से उन किसानों की बिजली मुफ्त कर देने की घोषणा की थी, जो निजी ट्यूबवेल लगाकर फसल की सिंचाई करते थे। यानी राज्य सरकाकर की इस घोषणा के अनुसार अब इन किसानों को बिजली का बिल नहीं देना पड़ेगा। राज्य सरकार की इस घोषणा से किसानों के चेहरो की खुशी उस समय गायब हो गई जब पीवीवीएनएल द्वारा बिजली के बिल उनके पास पहुंचे। सूत्रों की मानें तो अकेले मेरठ जोन के 60 हजार से अधिक किसानों को करीब 10 करोड़ के बिल अब तक भेजे जा चुके हैं।
ऐसे में किसान बिजली के बिलों को लेकर परेशान हैं कि बल जमा करें अथवा नहीं। परेशान किसान नजदीकी बिजली महकमें के दफ्तर में चक्कर काट रहे हैं लेकिन,उन्हें उनकी समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है। पश्चिमाचंल विभाग की एमडी चैत्रा वी. इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह कर केवल इतना ही कहती हैं कि इस विषय में हमें अभी तक शासन से कोई गाइड लाइन नहीं मिली है। जैसे ही गाइडलाइन मिलेगी वैसे ही हम कार्यवाही अमल में लाएंगे।
उधर,राष्ट्रीय लोकदल के विरष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय सचिव डा.राज कुमार सागवान का कहना है कि यह सरकार घोषणा वाली सरकार है। घोषणा करने में देर नहीं लगाती। लेकिन,धरातल में कुछ नहीं करती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बजट में कृषि नलकूपों की बजली फ्री करने की घोषणा को यदि जल्दी ही अमल में नहीं लाया गया तो रालोद किसानों के सात सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा।
भाकियू किसान प्रवक्ता सुशील पटेल का कहना है कि हर साल मार्च में बिजली के पेनल्टी बिलों पर सरकार द्वारा किसानों को छूट दी जाती थी जो इस बार नहीं दी गई है जल्द से जल्द ये छूट लागू कराई जाए। इसके अलावा जिला हापुड में 2004 से पूर्व हुए विधुत विभाग के भ्रष्टाचार के कारण जनपद के किसानों के द्वारा लगातार बिजली बिल जमा कराने के वाबजूद भी पिछले दो दशको तक के बिल हर बार जोडकर भेजे जा रहे हैं।
जिससे गरीब किसानों को विभाग 5-10 लाख का पिछला बकाया दिखाकर लगातार उत्पीड़न कर रहा है, इस प्रकरण में तमाम अधिकारी जेल तक जा चुके हैं, इस प्रकरण में तत्काल कार्रवाई कराते हुए किसानों पर थोपे गये पिछले बकाया को समाप्त कराया जाए। सूत्रों के अनुसार नलकूपों पर फिलहाल पश्चिमांचल के तीन लाख से अधिक नलकूप किसानों पर विभाग के ढाई सौ करोड़ से अधिक बकाया हैं। मेरठ जोन में ही 76 हजार किसानों पर करीब 125 करोड़ रुपये बकाया है। पश्चिमांचल के सभी 14 जिलों में 4.78 लाख नलकूप कनेक्शन हैं।