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भाजपा सरकार की संवेदनहीनता से हो रही गन्ना किसानों की दुर्दशा: अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार गन्ना किसानों की बर्बादी की पटकथा लिखने में लगी है। पेराई सत्र शुरू हो गया है लेकिन कई मिलें अभी तक चालू नहीं हुई है। मिल मालिक अपनी मनमानी पर उतारू हैं। पूंजीघरानों की पोषक व संरक्षक भाजपा सरकार दोषी मिल मालिकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने से बचती है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि गन्ना किसानों की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि इस सरकार ने बीते ढ़ाई साल से गन्ना मूल्य में न तो एक रुपये की वृद्धि की और न ही इस वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसान को कर्जदार बनाया है, उसकी खुशिया छीनी हैं।
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मिल मालिक अपनी मनमानी पर उतारू
सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार गन्ना किसानों की बर्बादी की पटकथा लिखने में लगी है। पेराई सत्र शुरू हो गया है लेकिन कई मिलें अभी तक चालू नहीं हुई है। मिल मालिक अपनी मनमानी पर उतारू हैं। पूंजीघरानों की पोषक व संरक्षक भाजपा सरकार दोषी मिल मालिकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने से बचती है।
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जब मूलधन ही नहीं मिल रहा है तो ब्याज की उम्मीद बेकार है
अखिलेश ने कहा कि गन्ना किसान को समर्थन मूल्य देने में भाजपा हीलाहवाली कर रही है। अभी तक गन्ना किसानों का नौ हजार करोड़ रुपए बकाया भुगतान बाकी है। सहकारी चीनी मिलों पर तीन हजार करोड़ और निजी चीनी मिलों पर छह हजार करोड़ रुपए बकाया है। जबकि फैसला तो यह है कि 14 दिनों में भुगतान नहीं हो तो किसान को ब्याज भी देना होगा लेकिन जब मूलधन ही नहीं मिल रहा है तो ब्याज की उम्मीद बेकार है।
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सपा मुखिया ने कहा कि गन्ना किसान अपनी फसल बेचकर ही घरेलू जिम्मेदारियां पूरी करता है। बेटी का ब्याह, बेटे की फीस, बूढ़े मां बाप की दवाई और कोर्ट-कचहरी का खर्च वह फसल बेचकर ही निभाता है। गन्ने की फसल के लिए खाद पानी बिजली कीटनाशक ये खर्च भी करने होते हैं।
सपा सरकार के समय गन्नें का दाम 40 रुपए बढ़ाकर दिलाया गया और बंद चीनी मिल भी चालू की गई। जबकि भाजपा सरकार तो चीनी मिलें बेचती जा रही है।