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आखिरी सांसे ले रही है भाजपा सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति: अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि हत्या, लूट, बलात्कार और आत्महत्या की घटनाएं अब रोज की बातें हो गई हैं। बलात्कार और हत्या से लेकर कर्ज में फंसे किसानो की आत्महत्याओं के प्रति राज्य सरकार का रवैया पूर्णतया संवेदनहीन है। बेकारो की संख्या में लगातार वृृद्धि भयावह भविष्य का संदेश दे रही है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति आखिरी सांसे ले रही है। कानून व्यवस्था भाजपा सरकार के नियंत्रण में नहीं रह गई है, थाना पुलिस तो अब दिखावे के लिए रह गए है। अपराधियों को किसी का भय नहीं रह गया है। हालात दिन पर दिन गंभीर होते जा रहे हैं।
भाजपा सरकार के पास नागरिकों की मूल समस्याओं का समाधान नहीं
सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि हत्या, लूट, बलात्कार और आत्महत्या की घटनाएं अब रोज की बातें हो गई हैं। बलात्कार और हत्या से लेकर कर्ज में फंसे किसानो की आत्महत्याओं के प्रति राज्य सरकार का रवैया पूर्णतया संवेदनहीन है। बेकारो की संख्या में लगातार वृृद्धि भयावह भविष्य का संदेश दे रही है। चारों तरफ निराशा भरा धुंधलका है, लोेगों में आक्रोश है कि भाजपा सरकार के पास नागरिकों की मूल समस्याओं का समाधान नहीं है।
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ऐसा लगता है कि जैसे प्रशासन पंगु हो गया है और जनता को अब भाजपा राज में अमन चैन और सम्मान से जीने की कोई उम्मीद नही बची है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार सिर्फ दहशत और परेशानियों का पर्याय बनकर रह गयी है।
भाजपा नेता के खिलाफ दुष्कर्म और ब्लैकमेल का मुकदमा दर्ज
सपा मुखिया ने बताया कि कन्नौज के सौरिख क्षेत्र की एक किशोरी, एक भाजपा नेता के खिलाफ दुष्कर्म और ब्लैकमेल का मुकदमा दर्ज कराने के लिए गोमतीनगर थाने के चक्कर लगाती रही लेकिन पुलिस प्रकरण को दबाए रही। इससे आहत किशोरी ने जहर खा लिया तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
उन्होंने अकबरपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि विकासखण्ड सकरन में मजलिसपुर निवासी कक्षा-8 की बच्ची ने भूख से परेशान होकर खुद को आग के हवाले कर दिया। पिता भूमिहीन है और मजदूरी करता है।
अखिलेश ने महोबा के कमालपुरा गांव के किसान अनिल राजपूत की मौत पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारी बारिश से अनिल राजपूत की 40 बीघा उड़द की फसल चैपट हो गई। उसने स्टेट बैंक से दो लाख 40 हजार रुपये का कर्ज बढ़कर चार लाख 25 हजार रुपये हो गया। इसके अलावा साहूकारोे का भी उस पर कर्ज था। इसी बीच बैंक की नोटिस मिलने पर सदमे में दीपावली के दिन उसकी मौत हो गई।
किसान मुन्ना सैनी फसल बर्बाद होने पर खुदकुशी कर चुका है
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इसी तरह बीती 16 अक्टूबर को एक किसान मुन्ना सैनी फसल बर्बाद होने पर खुदकुशी कर चुका है। बांदा में अलिहा गांव में अन्ना मवेशियों द्वारा फसल चर जाने से किसान राकेश इतना सदमे में चला गया कि वह लड़खड़ाकर खेत में गिर गया। उसने वहीं दम तोड़ दिया। खेत में अरहर, मूंग और धान की फसल बोई गई थी।