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भाजपा नेताओं का जूता चप्पल प्रेम, क्या इतनी गहरी है आस्था
हेमामालिनी ने 2018 में भी एक कार्यक्रम में ऐसी ही हरकत की थी। तब पुजारी जमीन पर बैठा था और हेमा मालिनी खड़े होकर चप्पल पहने हुए पूजा करा रही थीं। और तो और उनके साथ मेयर और नगर आयुक्त भी जूते पहनकर पूजा करा रहे थे।
रामकृष्ण बाजपेयी
हेमा मालिनी एक बार फिर अपने चप्पल प्रेम को लेकर चर्चा में हैं। ऐसा नहीं है कि वह पहली बार ऐसा कारनामा करके चर्चा में आई हैं। इससे पहले भी वह इस तरह से आस्था से खिलवाड़ कई बार कर चुकी हैं। मजे की बात यह है कि ऐसा करने वाली वह भाजपा की अकेली नेता हैं। राम के सहारे सत्ता में आई भाजपा के तमाम नेता इस कतार में शामिल हैं।
राम मंदिर के नाम पर आस्था से खिलवाड़
गौरतलब बात यह भी है कि यही हेमा मालिनी जब अपने घर में हवन पूजा पाठ करती हैं तो जूते चप्पल नहीं पहने होती हैं।
लेकिन सार्वजनिक मंच पर आस्था से खिलवाड़ कर वह क्या संदेश देना चाहती हैं। क्या ये नेता भारतीय जनमानस को मूर्ख और बुद्धि से हीन समझते हैं जो इनके द्वारा किये जा रहे ऐसे कृत्यों पर मूक दर्शक रहेंगे। क्योंकि राम या राम मंदिर के नाम पर आस्था से खिलवाड़ करना इन्हें बखूबी आता है।
गौकशी के नाम पर कत्लेआम करा देना इन्हें खूब आता है। यूपी में योगी जी के साड़ों से किसान बर्बाद हो रहा है। लेकिन योगीजी के ही कार्यक्रम में जब हेमा मालिनी चप्पल पहनकर खड़ी होती हैं तो उनको क्यों नहीं दिखायी देता। योगी जी तो संत हैं फिर भी उनकी नजर इस पर क्यों नहीं जाती है।
हेमामालिनी ने 2018 में भी एक कार्यक्रम में ऐसी ही हरकत की थी। तब पुजारी जमीन पर बैठा था और हेमा मालिनी खड़े होकर चप्पल पहने हुए पूजा करा रही थीं। और तो और उनके साथ मेयर और नगर आयुक्त भी जूते पहनकर पूजा करा रहे थे। क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ये दिखायी नहीं दिया था। या फिर उन्होंने इसे देखना नहीं चाहा था।
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मंत्री सुरेश खन्ना ने भी जूते पहनकर कराया पूजा
योगी सरकार के ही मंत्री सुरेश खन्ना भी इस मामले में ख्याति बटोर चुके हैं। इन्होंने भी 2018 में नगर निगम के कार्यक्रम में जूते पहनकर ही पूजा करा दी थी। इनकी देखा देखी दूसरे विधायक भी जूते पहने रहे थे। इसी तरह से भाजपा के राजस्थान के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया जब मंत्री थे तब 2016 में उन्होंने राजस्थान के गुलाबबाग में बर्ड पार्क के शिलान्यास, बायोडायवर्सिटी पार्क के लोकार्पण और प्रदेश की पहली विशिष्ट वन उपज मंडी के डोम के कृषि मंडी परिसर में शिलान्यास के दौरान पूजा में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया जूते पहने नजर आए। खुद रिणवा भी पूजन में मोजे पहने थे। जबकि इनका पूजा आदि में निषेध होता है।
भारतीय संस्कृति की रक्षक इस पार्टी के नेताओं को क्या इतना भी नहीं पता कि जहां पूजा अनुष्ठान होता है वहां मोजे भी निषेध होते हैं। पूजा वाले स्थान को गंगाजल और गौमूत्र से पवित्र किया जाता है और वहां अपवित्र जूतों या चप्पल को लेकर मौजूद रहना अनुष्ठान को भंग करता है।
इसी तरह से भाजपा नेता भैयालाल राजवाड़े ने भी मंत्री रहते हुए 2017 में सार्वजनिक रूप से पूजा के दौरान जूते पहनकर कुर्सी पर बैठे थे जबकि सभी लोग जमीन पर बैठे थे।
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भाजपा विधायक खाना खा रहे बच्चों के बीच जूते पहनकर
अयोध्या के भाजपा विधायक तो स्कूल निरीक्षण के दौरान खाना खा रहे बच्चों के बीच जूते पहनकर सवाल जवाब करने को लेकर चर्चा में आए थे।
ऐसा लगता है भाजपा नेता ये भूल चुके हैं कि जूते चप्पल पहनकर धार्मिक कार्य या पूजन करना हिंदू संस्क़ृति के विरुद्ध है। शास्त्रों और भगवान का अपमान है। जो पंडित इस तरह जूते पहनकर बैठे यजमान से पूजन कराते हैं, उनकी भी बलिहारी है।
क्या सत्ता की नजदीकी और दक्षिणा ही उनके लिए सबकुछ है। क्या ये मान लिय़ा जाए कि भाजपा के लोग विवेकहीन हो चुके हैं। क्योंकि किसी महापुरुष की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते समय तक लोग जूते पहने दिख जाते हैं। यह सत्तारूढ़ दल के लोगों की संस्कारहीनता और दंभ को दर्शाता है। क्योंकि अपने घरों में ये लोग जूते पहनकर पूजा नहीं करते। अपनी रसोई में जूते पहनकर नहीं जाते। फिर जनता के बीच ये कौन सा संदेश देते हैं।
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