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Atiq-Ashraf Murder: अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर बीजेपी विधायक का बड़ा दावा, सपा ने ही माफिया भाईयों को मरवाया
Atiq-Ashraf Murder Case: गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक गुर्जर ने कहा कि सपा ने ही माफिया अतीक अहमद को मरवाया है, ताकि राज न खुले। अखिलेशजी के साथ उनके क्या संबंध हैं, चुनाव बाद जब इसकी जांच होगी, तो सच सबके सामने आ जाएगा। बीजेपी विधायक ने तो यहां तक दावा कर दिया कि माफिया को मरवाने में उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी शामिल है।
Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हुए 10 दिन से अधिक हो चुके हैं। लेकिन अभी तक इस हत्याकांड की स्पष्ट वजह सामने नहीं आ पाई है। माफिया भाईयों की हत्या को लेकर तरह-तरह की थ्योरियां अपनी सहूलियत के हिसाब से गढ़ी जा रही हैं। इस बीच विवादित बयानों के लिए कुख्यात बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस हत्याकांड को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने माफिया अतीक अहमद की हत्या कराने का आरोप समाजवादी पार्टी पर लगाया है।
गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक गुर्जर ने कहा कि सपा ने ही माफिया अतीक अहमद को मरवाया है, ताकि राज न खुले। अखिलेशजी के साथ उनके क्या संबंध हैं, चुनाव बाद जब इसकी जांच होगी, तो सच सबके सामने आ जाएगा। बीजेपी विधायक ने तो यहां तक दावा कर दिया कि माफिया को मरवाने में उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी शामिल है। जो फिलहाल फरार चल रही हैं।
पुलिस मारती तो समर्थन करते
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि अगर अतीक अहमद जिंदा होता तो सारे राज बाहर आ जाते। लोग नफरत करने लगते। इसलिए उनको मरवाया गया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब इसका खुलासा होगा तो कोई व्यक्ति इनको वोट करेगा ? ये सोच रहे हैं कि अतीक का मर्डर कराकर वोट ले लेंगे। गुर्जर ने फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम का सपा से कनेक्शन की ओर भी इशारा किया। इस दौरान लोनी विधायक ने एक और बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर अतीक अहमद पुलिस के हाथों मारा गया होता तो वे समर्थन करते।
कैबिनेट मंत्री भी कर चुके हैं ये दावा
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विधायक नंदकिशोर गुर्जर बीजेपी के इकलौते नेता नहीं हैं, जिन्होंने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कराने का आरोप किसी विपक्षी पार्टी पर लगाया है। इससे यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह भी माफिया भाईयों की हत्या के लिए विपक्ष को जिम्मेवार ठहरा चुके हैं। 22 अप्रैल को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सूबे के पशुपालन मंत्री ने कहा था कि अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे विपक्ष का हाथ है।
अतीक अहमद की हत्या कराने का काम
धर्मपाल सिंह ने कहा कि माफिया अतीक अहमद की हत्या कराने का काम विपक्ष का ही है। कुछ गंभीर रात खुलने वाले थे, इसलिए विपक्ष ने अतीक की हत्या करवा दी। दरअसल, सपा, बसपा और कांग्रेस माफिया भाईयों की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। कुछ विपक्षी नेताओं ने तो प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस घटना को पूरे प्लान के साथ अंजाम दिया गया। एमआईएम नेता ओवैसी ने तो माफिया भाईयों के हत्यारों की तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे से कर दी थी।
15 अप्रैल को हुई थी हत्या
गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित बनाया गया था। इस सिलसिले में पूछताछ के लिए दोनों माफिया भाईयों को प्रयागराज लाया गया था। जहां 15 अप्रैल की रात कॉल्विन अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलवारों ने ताबड़तोड़ दोनों भाईयों पर फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था।
तीनों हमलावरों ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की, जय श्रीराम का नारा लगाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इससे पहले 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने माफिया अतीक के तीसरे बेटे असद का झांसी में एनकाउंटर कर दिया था। अतीक-अशरफ हत्याकांड की निष्पक्ष जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। जिस पर आज सुनवाई होनी है। इन दो याचिकाओं में से एक वकील विशाल तिवारी की है और दूसरी पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की है।