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मां गंगा का सहारा लेगी अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा

वर्ष 2014 में गंगा मां को स्वच्छ व निर्मल बनाने का लिया गया संकल्प वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चलने जा रहा है।प्रदेश के विकास के साथ ही धार्मिक एजेंडे को लेकर चल रही योगी सरकार का अगला कदम गंगा सफाई अभियान होने जा रहा है। इसकी शुरूआत कानपुर में नमामि गंगा परियोजना से हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं।

SK Gautam
Published on: 12 Dec 2019 9:21 PM IST
मां गंगा का सहारा लेगी अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: वही नरेन्द्र मोदी, वही भाजपा और वही गंगा लेकिन इस बार स्थान शिव की नगरी काशी नहीं बल्कि कभी यूपी का मैनचेस्टर कहलाने वाला कानपुर होगा। हालांकि मकसद तब भी वही था और मंसूबा अब भी वही है। ‘मां गंगा ने मुझे बुलाया है’ वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मां गंगा के आशीर्वाद से भाजपा को मिली सफलता के बाद अब एक बार फिर नरेंद्र मोदी गंगा की शरण में है।

वर्ष 2014 में गंगा मां को स्वच्छ व निर्मल बनाने का लिया गया संकल्प वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चलने जा रहा है।प्रदेश के विकास के साथ ही धार्मिक एजेंडे को लेकर चल रही योगी सरकार का अगला कदम गंगा सफाई अभियान होने जा रहा है। इसकी शुरूआत कानपुर में नमामि गंगा परियोजना से हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं।

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गंगा के निर्मलीकरण के काम में तेजी आने की पूरी संभावना

जाजमऊ में टेनरी के केमिकलयुक्त पानी के शोधन को 20 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए शासन ने भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के बाद गंगा के निर्मलीकरण के काम में तेजी आने की पूरी संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी 14 दिसम्बर को कानपुर में राष्ट्रीग गंगा परिषद की बैठक करेंगे। इस बैठक में पिछले पांच वर्षो में गंगा की सफाई में कितना काम हुआ, उसकी समीक्षा की जाएगी। इस सबके पीछे अगले विधानसभा चुनाव की रणनीति है।

अभी हाल ही में हुई बैठकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गंगा सफाई के लिए तेजी लाने को कह चुके हैं। गंगा सफाई योजना के लिए प्रदेश कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनकी संख्या 50 के आसपास हैं बावजूद इसके इस परियोजना का कुछ खास लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। इनसे 15 एमएलडी से अधिक प्रदूषित पानी रोज गंगा में गिरता है।

कानपुर में नमामि गंगे योजना में छह नाले टैप किए गए फिर भी गंगा की गोद में जहर जा रहा है। कागजों में बंद टेनरियां भी लाखों लीटर दूषित पानी रोज गंगा नदी में गिराकर उसकी पवित्रता खत्म कर रही हैं । जल निगम ने वर्ष 2017 में नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता की कार्य योजना तैयार की। लेकिन इसकी रफ्तार वो गति नही पकड़ पा रही है जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

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95 प्रतिशत सीवर का पानी शोधन के पश्चात गंगा नदी में जाता है

पिछले दो वर्ष में नमामि गंगे के तहत कानपुर शहर में अनेक कार्य हुए है,जिससे गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है। पिछले दो वर्ष में नमामि गंगे के अंतर्गत कानपुर शहर में अनेक कार्य हुए है,जिससे गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है। नमामि गंगे, नगर विकास से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 95 प्रतिशत सीवर का पानी शोधन के पश्चात गंगा नदी में जाता है।

नब्बे वर्ष पुरानी ब्रिटिश काल की ष्ट्रंक ब्रिक सीवरष् 6.5 केएम का पुनरुद्धार किया गया, जिसमें तीन किलोमीटर की लाइनिंग (अस्तर कोटिंग) की गई । इसमें 2.1 केएम पापुलर धर्मकांटे से जाजमऊ एसटीपी तक 7.5 फीट व्यास का कार्य हुआ है।

एसबीएम योजना के अंतर्गत 15090 व्यक्तिगत शौचालय, 192 स्थानों पर 1292 सीटों के सामुदायिक शौचालय बने है। दो वर्ष में 80 किलोमीटर नवीन सीवर लाइन बिछाई गई तथा 143 किलोमीटर म अक्रियाशील सीवर लाइन की सफाई कराकर क्रियाशील बनाया गया। 128 बर्ष पुराने सीसामऊ नाले से दो वर्ष पूर्व 14 करोड़ लीटर अशोधित उत्प्रवाह होता था और गंगा नदी में मिलता था। यह कानपुर नगर का 1ध्3 सीवेज था। आज यह नाला पूरा टैप किया जा चुका है।

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नमामि गंगे परियोजना शुरू की गयी थी, बजट 20 हजार करोड़ का रखा गया था

इस परियोजना के तहत पूरे प्रदेश चल रहे प्रोजेक्टों में केवल 12 प्रोजेक्ट पूरे हो सके हैं। बाकी सभी अधूरे हैं जिन्हे 2020 तक पूरा होना है। यह सारे प्रोजेक्ट अयोध्या कानपुर वाराणसी और वृदांवन से जुडे़ धार्मिक नगरों से हैं।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र में जब मोदी सरकार का गठन 2014 में हुआ था तभी गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे परियोजना शुरू की गयी थी। प्रारम्भिक में इसका बजट 20 हजार करोड़ का रखा गया था जिसे समय समय पर बढ़ाया भी गया।

मोदी सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह राज्य में भी जलशक्ति विभाग का गठन कर दिया है। इस नवगठित विभाग में पूर्व से संचालित सात विभागों को शामिल किया गया है। इसमें जलशक्ति विभाग में नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति, सिंचाई और जल संसाधन, सिंचाई यांत्रिक, लघु सिंचाई, परती भूमि विकास और बाढ़ नियंत्रण विभाग को शामिल किया है।इसलिए योगी सरकार बराबर गंगा की सफाई के काम में जुटी हुई है। राज्य सरकार की नीति 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कुछ कर दिखाना चाहती है।



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