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36 अंग्रेजों को मार गिराई ये वीरांगना, भाजपा ने कुछ इस तरीके से दी श्रद्धांजली

प्रियंका सिंह रावत ने कहा कि 1857 में वीरांगना ऊदादेवी के पास 36 कारतूस थे और उन्होंने 36 अंग्रेजों को मार गिराया था। अगर उनके पास समय पर कारतूस मौजूद होते, तो वह अँग्रेजों की अनगिनत लाशें गिरा देती। मगर उनके पास 36 कारतूस थे जो युद्ध के दौरान खत्म हो गए। कारतूस की कमी के कारण वह शहीद हो गई। ऐसी वीरांगनाओं की गाथा से नई पीढ़ी को परिचित कराने की जरूरत हैं।

Newstrack
Published on: 16 Nov 2020 3:33 PM IST
36 अंग्रेजों को मार गिराई ये वीरांगना, भाजपा ने कुछ इस तरीके से दी श्रद्धांजली
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36 अंग्रेजों को मार गिराई ये वीरांगना, भाजपा ने कुछ इस तरीके से दी श्रद्धांजली

बाराबंकी: बाराबंकी के भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज एक बड़ा रक्तदान शिविर का आयोजन कर जरूरतमंदों के लिए रक्तदान किया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश भाजपा की महामंत्री एवं पूर्व सांसद श्रीमती प्रियंका सिंह रावत थी। कार्यक्रम के दौरान प्रियंका सिंह रावत ने बताया कि यह अवसर विशेष है, क्योंकि आज वीरांगना ऊदादेवी का शहीदी दिवस है। इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने रक्तदान करके वीरांगना ऊदादेवी को श्रद्धांजली अर्पित किया है, जिससे किसी मरीज की जान बचाई जा सके।

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200 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने रक्तदान

बता दें कि बाराबंकी के जिला अस्पताल में आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में पहुँच कर रक्तदान किया है। प्रदेश भाजपा की महामंत्री एवं पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत ने बताया कि आज 200 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने रक्तदान के इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रक्तदान किया है। कोविड की महामारी में सबसे अधिक जरूरत रक्त की पड़ी है। इसलिए शहीद वीरांगना ऊदादेवी की शहीदी दिवस पर भाजपा कार्यकताओं ने इस महादान कार्यक्रम का आयोजन कर रक्तदान किया है।

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ऊदादेवी जैसी वीरांगना को पाठ्यक्रम में शामिल करें सरकार

प्रियंका सिंह रावत ने कहा कि 1857 में वीरांगना ऊदादेवी के पास 36 कारतूस थे और उन्होंने 36 अंग्रेजों को मार गिराया था। अगर उनके पास समय पर कारतूस मौजूद होते, तो वह अँग्रेजों की अनगिनत लाशें गिरा देती। मगर उनके पास 36 कारतूस थे जो युद्ध के दौरान खत्म हो गए। कारतूस की कमी के कारण वह शहीद हो गई। ऐसी वीरांगनाओं की गाथा से नई पीढ़ी को परिचित कराने की जरूरत हैं। वह सरकार से माँग करेंगी कि वीरांगना ऊदादेवी के जीवन-चरित्र को पाठ्यक्रम में शामिल करें। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा और जेडीयू में किसी भी प्रकार का मतभेद की कोई बात नहीं है। नीतीशजी का नेतृत्व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी स्वीकार किया है ।

रिपोर्ट,

सरफराज वारसी

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