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अब पुलिस पर कत्तई भरोसा नहींः मणि मंजरी के परिजनों ने मांगी उच्चस्तरीय जांच

ऐसे में मणि मंजरी राय के भाई विजया नन्द राय को शक है कि आरोपियों द्वारा जिला प्रशासन पर अपने प्रभाव का उपयोग कर जांच को प्रभावित किया जा सकता है।

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Published on: 10 July 2020 9:35 AM GMT
अब पुलिस पर कत्तई भरोसा नहींः मणि मंजरी के परिजनों ने मांगी उच्चस्तरीय जांच
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बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय के परिजनों को मौत के मामले में बलिया पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। परिजन हाई प्रोफाइल हो गये इस मामले की उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं। उधर पुलिस ने आरोपियों पर गिरफ्तारी को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। मामले की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक नगर के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई है।

भाई ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय के भाई विजया नन्द राय ने आज मांग की है कि उनकी बहन के मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दर्ज कराए गए प्राथमिकी में बनाये गए आरोपी रसूखदार लोग हैं। ऐसे में उन्हें शक है कि आरोपियों द्वारा जिला प्रशासन पर अपने प्रभाव का उपयोग कर जांच को प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय जांच होने से इस जांच में जिला प्रशासन से जुड़े लोगों की कोई भूमिका नहीं रह जाएगी। ऐसे में जांच को प्रभावित करने की संभावना समाप्त हो जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके पास पुलिस अधिकारियों का फोन आया था।

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अधिकारियों को भी बातचीत के दौरान वह उच्च स्तरीय जांच की मांग के बारे में अवगत करा चुके हैं। मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता ने स्वयं को इस मामले में निर्दोष करार दिया है। तथा दावा किया है कि उनके मृतिका के परिजनों के साथ मधुर रिश्ते रहे हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष यह बताते बिलख पड़ते हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष के इस बयान को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष उनकी बहन के कार्यभार संभालने के बाद से ही लगातार असहयोग करने के साथ ही समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहन की मौत के बाद घटनास्थल पर नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ ही कोई कार्यालय कर्मी नजर नहीं आया। यही नहीं किसी ने परिजनों को फोन कर संवेदना तक व्यक्त नहीं किया।

घटना के चार दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

इस बीच मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय की मौत के मामले में घटना के चार दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। इस मामले में कल मुकदमे की विवेचना निरीक्षक, क्राइम ब्रांच से ले लिया गया तथा बलिया के शहर कोतवाल विपिन सिंह को इसकी विवेचना का दारोमदार सौपा गया है। पुलिस उपाधीक्षक नगर के नेतृत्व में मुकदमे के त्वरित निस्तारण के लिए टीम भी बनाई गई है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार जांच टीम व विवेचना अधिकारी को तेजी से जांच के निर्देश दिए गए हैं। कल नगर पंचायत अध्यक्ष व अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए की गई छापेमारी इसी कार्रवाई की कड़ी का हिस्सा है।

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यह दीगर है कि कोई आरोपी पुलिस के हत्थे नही चढ़ पाया। पुलिस ने अधिशासी अधिकारी का लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिया है। नगर पंचायत के टेंडर व सम्बंधित अभिलेख कब्जे में लेने की कार्रवाई चल रही है। मृतिका के मोबाइल की कॉल डिटेल के जरिये मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है। मृतिका के सुसाइड नोट का भी मिलान कराये जाने की तैयारी की जा रही है। पुलिस विभाग के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार मृतिका ने अपने मोबाइल से आखिरी बार बातचीत घटना से ऐन पूर्व जिले के बैरिया तहसील में कार्यरत नायब तहसीलदार रजत सिंह से की थी।

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इस बातचीत में मृतिका ने अपने अगले कदम उठाने की जानकारी नायब तहसीलदार रजत सिंह को दी थी। रजत सिंह नायब तहसीलदार बनने के पूर्व इसी जिले में एक नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी रहे। इनके मणि मंजरी राय से अच्छे सम्बन्ध बताये जा रहे हैं। रजत सिंह ने मणि मंजरी से बातचीत के तत्काल बाद जिले में कार्यरत एक अधिशासी अधिकारी से इस बातचीत को न सिर्फ साझा किया। बल्कि जिले के उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी बातचीत का ब्यौरा दिया है।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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