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मायावती बोलीं- भाजपा सरकारों में देश को सचेत रहने की जरूरत

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया अभी तक देशहित में सही समाधान नहीं दे पा रहा है और ऐसे में कृषि मामलों में आत्मनिर्भर भारत को जो क्षति हो रही है।

Roshni Khan
Published on: 1 Jan 2021 6:30 AM GMT
मायावती बोलीं- भाजपा सरकारों में देश को सचेत रहने की जरूरत
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मायावती बोलीं- भाजपा सरकारों में देश को सचेत रहने की जरूरत (PC: social media)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व घोर स्वार्थ की राजनीति के कारण उपजी अस्थिरता व अव्यवस्था आदि से जो हर तरफ अफरातफरी मची हुई है उससे जनजीवन अति-त्रस्त है। मायावती ने कहा कि नए नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के आविष्कार व उसकी एन.आर.सी. आदि से सम्बद्धता से देश आन्दोलित था तो आज उससे कहीं बड़ी कोरोना महामारी के साथ-साथ खेती-किसानी से सम्बन्धित तीन नये ''कृषि कानून'' के विरुद्ध आक्रोश व आन्दोलन से संक्रमित व पीड़ित है।

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सन 2020 के प्रारम्भ में जो जन आक्रोश व चुनौतियाँ देश व सरकार के सामने थी

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया अभी तक देशहित में सही समाधान नहीं दे पा रहा है और ऐसे में कृषि मामलों में आत्मनिर्भर भारत को जो क्षति हो रही है। उन्होंने कहा कि सन 2020 के प्रारम्भ में जो जन आक्रोश व चुनौतियाँ देश व सरकार के सामने थी उससे भी काफी बड़ी व कठिन चुनौतियों का सामना नए वर्ष में देश को करना पड़ रहा है, जिससे अब निश्चय ही सचेत होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ''लव जिहाद'' व धर्मान्तरण-विरोध के सम्बन्ध में निरंकुशता के अनोखे प्रावधानों के साथ आपाधापी में अध्यादेश लाकर ही पुलिस राज का जो अनुचित इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में सरकार की नीयत व नीति द्वेष, भेदभाव व विभाजन को बढ़ावा देकर समाज को बांटने की ज्यादा है, जो अब यह दूसरे प्रदेशों में भी फैलकर अति-घातक होती जा रही है।

मायावती ने कहा कि यूपी में बात-बात पर राष्ट्रीय सुरक्षा व देशद्रोह आदि कानून का विद्वेषपूर्ण मुकदमा ढड़ल्ले के थोपा जा रहा है उससे न्यायपालिका भी काफी चिन्तित दिखती है।

जिस प्रकार की बदहाली से यूपीए-2 अपने अन्तिम वर्षों में गुजर रही थी

उन्होंने कहा कि देखा जाए तो बीजेपी व इनकी केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्य सरकारें ज्यादातर उसी प्रकार की विश्वसनीयता के अभाव से गुजरनी शुरू हो गयीं हैं जिस प्रकार की बदहाली से यूपीए-2 अपने अन्तिम वर्षों में गुजर रही थी। इसलिए सरकार देश व आमजन के हित में अपना रवैया बदले तो यह उचित होगा ताकि नए वर्ष में देश का सही में कुछ भला हो सके।

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मायावती ने आज कहा कि पिछला साल कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों के लिए भारी मुसीबतों भरा काफी घातक वर्ष रहा है। मायावती ने कहा कि वैसे तो देश में केन्द्र व राज्यों में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर अब बीजेपी आदि की, देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों व अन्य मेहनतकश जनता का जीवन लगातार परेशान, बदहाल व त्रस्त ही रहता है।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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