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जानें, क्या हैं किसानों को मिलने वाली योजनायें: इससे होगा कितना फायदा...
बजट 2020 में मोदी सरकार का बड़ा फोकस किसान रहा। बजट में किसानों के लिए कई योजनायें लाई गयी। जानें, इन योजनाओं और उससे होने वाले लाभ के बारे में...
दिल्ली: बजट 2020 में मोदी सरकार का बड़ा फोकस किसान रहा। बजट का सबसे बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया। बजट में किसानों के लिए 16 सूत्रीय एक्शन प्लान तैयार किया गया। इसके तहत किसानों के लिए कई योजनायें लाई गयी। जानें, किसानों के लिए पेश की गयी इन योजनाओं और उससे होने वाले लाभ के बारे में...
किसानों के लिए 16 सूत्रीय एक्शन प्लान:
जिन 16 सूत्रीय एक्शन प्लान के जरिये किसानों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जाना है, उसके तहत कई योजनाएं लागू की जाएगी। इनमें पीएम कुसुम स्कीम, धन्य लक्ष्मी योजना, कृषि उड़ान योजना, किसान रेल योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, ब्लू इकॉनोमी, दीन दयाल योजना है।
जानें इन योजनाओं के बारें में:
पीएम कुसुम स्कीम
पीएम कुसुम स्कीम के तहत किसानों के पंप को सोलर पंप से जोड़ा जाएगा। इसमें 20 लाख किसानों को योजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 15 लाख किसानों के ग्रिड पंप को भी सोलर से जोड़ा जाएगा।
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दरअसल, यह योजना बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को ध्यान में रख शुरू की गयी हैं। कुसुम योजना के तहत देशभर में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से चलाने की योजना है।
कुसुम योजना की मुख्य बातें
-सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा।
-केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी की रकम देगी।
-सौर ऊर्जा के लिए प्लांट बंजर भूमि पर लगाये जायेंगे।
-कुसुम योजना में बैंक किसानों को लोन के रूप में 30% रकम देंगे।
-सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी।
कुसुम योजना से फायदे:
केंद्र सरकार की कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी। एक तो उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी। अगर किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है। इससे उन्हें बंजर जमीन से भी आमदनी होने लगेगी।
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धन्य लक्ष्मी योजना
महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना का ऐलान किया गया है। जिसके तहत बीज से जुड़ी योजनाओं में महिलाओं को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा। यह योजना कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति मजबूत करने से जुड़ी है।
धन्य लक्ष्मी योजना के तहत गांव के अनाज समुचित भंडारण के लिए विशेष केंद्र बनाए जाएंगे जिसका संचालन महिलाएं करेंगी। बजट में सिंचाई और ग्रामीण विकास योजना क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।
कृषि उड़ान योजना
बजट में कृषि उड़ान योजना को शुरू करने का ऐलान किया गया है। इंटरनेशनल, नेशनल रूट पर इस योजना को शुरू किया जाएगा, ताकि किसानों की इनकम बढ़ सके।
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ये योजना किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए नागरिक उड्डन मंत्रालय की सहायता से शुरू की जाएगी। इसके तहत किसानों की उपज को विशेष तरह के विमानों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जाएगा।
कृषि उड़ान योजना से फायदा:
इसका फायदा ये होगा कि किसानों की फसलों को बाजारों तक जल्द से जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी। कई बार किसानों के पास सुविधाएं न होने से देश-विदेश की मंडियों तक किसान अपनी फसलें न पहुंचा पाते हैं। उदाहरण के तौर पर लखनऊ के मलिहाबाद से आम का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाना।
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किसान रेल योजना
किसान रेल योजना के तहत खराब खाद्य पदार्थों के लिए किसान रेल चलेगी। इसके लिए भारतीय रेलवे रेफ्रिजरेटेड कोच बनाएगी ताकि किसानों की खराब होने वाली फसल को नुकसान ना हो।
जानकारी के मुताबिक किसान रेल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा। ऐसे उत्पाद जिनके जल्दी खराब होने का डर है, जैसे- दूध, मांस, मछली आदि, इनके लिए अलग से रेल भी चलाई जाएगी। किसानों की सहूलियत के लिए एक जिले, एक प्रोडक्ट पर ध्यान दिया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
बजट 2020 में ऐलान किया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) को 2021 के लिए बढ़ाया जाएगा। केसीसी एक कल्याणकारी योजना है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1998 में की थी।
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केसीसी के माध्यम से किसानों को पर्याप्त मात्रा में और आसानी से लोन उपलब्ध हो जाता है। इससे वह कृषि से संबंधित चीजों जैसे-खाद, बीज, कीटनाशक इत्यादि की खरीद कर सकते हैं। ना इसे किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण या पब्लिक सेक्टर के किसी भी बैंक से हासिल किया जा सकता है।
ये है खासियत
केसीसी किसानों को खेती से संबंधित या अन्य कार्यों के लिए आसानी से लोन उपलब्ध कराती है। इसके साथ उन्हें इंश्योरेंस कवरेज दिया जाता है। इसके अलावा केसीसी स्कीम के तहत कुछ फसलों के लिए ऋण लेने पर कवरेज दिया जाता है। कीड़ों के हमले से या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब हो जाने की स्थिति में केसीसी स्कीम किसानों को प्रोटेक्शन देती है। कुछ मामलों में किसानों को कोलेटरल सिक्योरिटी भी दी जाती है। अगर लोन की राशि 1 लाख से ऊपर है तब कार्ड होल्डर को अपनी जमीन बंधक रखना होता है और फसल के अच्छा होने का आश्वासन देना होता है।
ब्लू इकोनॉमी
वित्त वर्ष 2020-21 में ब्लू इकॉनोमी के जरिए मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। युवाओं को मछली उत्पादन जोड़ने के लिए 3 हजार 477 सागर मित्र रखे जायेंगे।
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बता दें कि भारत के कुल व्यापार का 90 फीसदी हिस्सा समुद्री मार्ग के जरियेए होता है। समुद्री रास्तों, नए बंदरगाहों और समुद्री सामरिक नीति के जरिये अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना ही ब्लू इकोनॉमी कहलाता है। भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा है ऐसे में ब्लू इकोनॉमी पर फोकस करना अर्थव्यवस्था के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
ऐसे काम करता है ब्लू इकॉनोमी
इसमें सबसे पहले समुद्र आधारित बिजनेस मॉडल तैयार किया जाता है, साथ ही संसाधनों को ठीक से इस्तेमाल करने और समुद्री कचरे से निपटने के डायनामिक मॉडल पर कम किया जाता है। पर्यावरण फिलहाल दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है, ऐसे में ब्लू इकोनॉमी को अपनाना इस नज़रिये से भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
ब्लू इकोनॉमी के तहत फोकस खनिज पदार्थों समेत समुद्री उत्पादों पर होता है। समुद्र के जरिये व्यापार का सामान भेजना ट्रकों, ट्रेन या अन्य साधनों के मुकाबले पर्यावरण की दृष्टि से बेहद साफ़-सुथरा साबित होता है।
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दीन दयाल योजना
मोदी सरकार दीन दयाल योजना को भी बढ़ावा देगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) की शुरुआत साल 2014 में की थी।
दीन दयाल उपाध्याय योजना के उद्देश्य
ग्रामीण इलाके में 15-35 साल के युवाओं की कुशलता विकसित कर उन्हें रोजगार के लायक बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। कुशलता विकसित होने और उसके बाद रोजगार के मौके पाने से अंत में युवाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी।