सुदीक्षा की मौत: चाचा और भाई ने बयां किया अपना दर्द, दुर्घटना की सुनाई पूरी कहानी

सुदीक्षा के भाई ने भी बताया कि हमारी स्पीड 30 किमी/घंटा की रही होगी। हमने एकदम से ब्रेक मारी। सामने बुलेट थी जिस पर जाट लिखा था। यूपी-13 की बाइक थी। इमरजेंसी में नंबर नहीं नोट कर पाया। दीदी पीछे गिर गई।

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Published on: 11 Aug 2020 7:44 AM GMT
सुदीक्षा की मौत: चाचा और भाई ने बयां किया अपना दर्द, दुर्घटना की सुनाई पूरी कहानी
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सुदीक्षा की मौत: चाचा और भाई ने बयां कियाअपना दर्द, दुर्घटना की सुनाई पूरी कहानी

लखनऊ: एक गरीब परिवार की ऐसी होनहार छात्रा जो कि अमेरिका में पढ़ती थी, पढ़ने के लिए उसे स्कॉलरशिप मिली थी। छात्रा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली थी सड़क छाप मनचलों की वजह से इस छात्रा ने अपनी जान गवां दी। छात्रा अमेरिका में पढ़ रही थी और छुट्टियों में घर आई थी। चाचा और भाई के साथ बाइक पर वो अपने मामा के घर जा रही थी। मनचलों की वजह से हुए दर्दनाक हादसे में इस होनहार छात्रा की मौके पर मौत हो गई।

अमेरिका में पढ़ाई के लिए मिली थी स्कॉलरशिप

दिल्ली से चंद किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा के एक गांव की गरीब परिवार की होनहार बेटी सुदीक्षा भाटी की मौत से पूरे इलाके में मातम पसरा है। परिवार गरीब था लेकिन बेटी इतनी होनहार थी कि अमेरिका में पढ़ाई के लिए उसे स्कॉलरशिप मिली थी। छुट्टियों में अमेरिका से आई सुदीक्षा चाचा और भाई के साथ बाइक पर दादरी से बुलंदशहर मामा के घर जा रही थी।

सुदीक्षा की मौत: चाचा और भाई ने बयां कियाअपना दर्द, दुर्घटना की सुनाई पूरी कहानी

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बुलेट पर जाट लिखा हुआ था

इस दर्दनाक घटना के बारे में छात्रा सुदीक्षा के चाचा ने बताया कि हम बच्चे को स्कूटी से लेने जा रहे थे। चौराहा पार करते ही बुलंदशहर गांव के पास एक बुलेट हमें कई बार ओवरटेक किया। यह देख हमने अपनी स्कूटी धीमी कर ली। फिर वह बुलेट वाला स्टंट मारने लगा। उसने आगे जाकर एकदम से हमारे आगे ब्रेक मार दी। हमारी स्कूटी की उसमें सीधी टक्कर लगी और मैं गिर गया। मेरी भतीजी सिर के बल पीछे गिरी। मैं बुलेट वाले को पहचान नहीं पाया। बुलेट पर जाट लिखा हुआ था। घटना के बाद वह चला गया।

इमरजेंसी में नंबर नहीं नोट कर पाया- सुदीक्षा के भाई

इस घटना के बारे में सुदीक्षा के भाई ने भी बताया कि हमारी स्पीड 30 किमी/घंटा की रही होगी। हमने एकदम से ब्रेक मारी। सामने बुलेट थी जिस पर जाट लिखा था। यूपी-13 की बाइक थी। इमरजेंसी में नंबर नहीं नोट कर पाया। दीदी पीछे गिर गई और मैं आगे गिरा लेकिन मुझे चोट नहीं आई। सुदीक्षा के घर पर एक अन्य व्यक्ति ने कहा, पुलिस आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। इसे छुपाने की पूरी कोशिश हो रही है। पुलिस को क्या पता कि गाड़ी चाचा चला रहे थे या भाई चला रहा था। घटना हो गई उसके आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची।

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सुदीक्षा अमेरिका लौटने से पहले अपने ननिहाल वालों से मिलना चाहती थी लेकिन सड़क छाप मनचलों की वजह से सुदीक्षा की मौत हो गयी वह कभी फिर अमेरिका नहीं लौट पायेगी। सुदीक्षा के घर वालों ने एक होनहार बेटी खो दिया।

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