TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Bulandshahr News: जेलों में बंदियों को मिल रहा आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण, कौशल विकास और एमएसएमई से जेलों को जोड़ा

Bulandshahr News: यूपी की जेलों में कौशल विकास मिशन के तहत कंप्यूटर, दस्तकारी, सिलाई, कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है साथ ही एमएसएमई के तहत अचार, मुरब्बा आदि के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे जेल से छूटने के बाद बंदी आत्मनिर्भर बन सकेंगे, उनके सामने जेल से छूटने के बाद रोजगार की समस्या नहीं रहेगी, वो स्वरोजगार अपना सकेंगे।

Sandeep Tayal
Published on: 2 Sept 2023 5:14 PM IST
Bulandshahr News: जेलों में बंदियों को मिल रहा आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण, कौशल विकास और एमएसएमई से जेलों को जोड़ा
X
Bulandshahr News (Pic: Newstrack)

Bulandshahr News: कारागार और होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि यूपी की जेलों में बंद बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इसके लिए यूपी की जेलों को कौशल विकास मिशन और एमएसएमई से जोड़ा गया है। जेल से छूटने के बाद युवा बंदी रोजगार के लिए परेशान नहीं होंगे और प्रशिक्षण प्राप्त रिहा बंदी स्वरोजगार अपना आत्मनिर्भर बन सकेंगे। यूपी के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति शनिवार को कौशल विकास मिशन के तहत बुलंदशहर जेल में स्थापित सिलाई व कम्प्यूटर सेंटरों का शुभारंभ करने पहुंचे थे। जहां जेल प्रशासन और बंदियों ने उनका भव्य स्वागत किया।

जेल से छूटने के बाद ऐसे आत्मनिर्भर बन सकेंगे बंदी

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बुलंदशहर में प्रेस वार्ता में कहा कि यूपी के जेलों में 80 प्रतिशत बंदी 40 से 45 साल के युवा हैं, जो अन्यास ही अपराधी बन गए हैं, ऐसे बंदियों को सुधारने और उनका विकास करने के लिए यूपी की जेलों में कौशल विकास मिशन के तहत कंप्यूटर, दस्तकारी, सिलाई, कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है साथ ही एमएसएमई के तहत अचार, मुरब्बा आदि के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे जेल से छूटने के बाद बंदी आत्मनिर्भर बन सकेंगे, उनके सामने जेल से छूटने के बाद रोजगार की समस्या नहीं रहेगी, वो स्वरोजगार अपना सकेंगे।

जेलों में बंदियों को शिक्षा की भी व्यवस्था

मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेलों में बंदियों के स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम और पढ़ाई लिखाई के लिए पाठशालाएं भी विभिन्न संगठनों के सहयोग से चलाई जा रही हैं। अनेक बंदियों ने जेल से ही हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाएं भी दी हैं।

बंदियों को परिवार से जोड़कर अवसाद से बचाने की मुहिम जारी

धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेलों में रक्षाबंधन पर्व पर गत वर्ष 70448 बहनों ने तो इस वर्ष 80973 बहनों ने सूबे की अलग-अलग जेलों में पहुंचकर अपने भाइयों की कलाई पर राखियां बांधी है। इससे बंदियों को जेल में रहते हुए उनके परिवारों से जोड़ा जा रहा है। यही नहीं पीसीओ बूथ के माध्यम से बंदियों को परिवार जनों से फोन पर वार्ता भी कराई जाती है, जिससे बंदियों को अवसाद से बचाया जा सके। बंदियों को अपने परिवार से जोड़कर रखा जा सके।



\
Sandeep Tayal

Sandeep Tayal

Next Story