TRENDING TAGS :
लाल सोने की चोरी! रात के अंधेरे में नदियों का सीना चीरने उतरी पोकलैंड मशीनें
खनन पर रोक लगाने की तैयारी के बाद भी अभी तक बुन्देलखण्ड में अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। जिलो के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। ऐसे कई मामले पुलिस की पकड़ में आ रहे है। लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने से जिले मे अवैध खनन का दौर जारी है।
अनुज हनुमत
बुन्देलखण्ड: बुन्देलखण्ड में एकबार फिर बरसात का मौसम खत्म होते ही बालू खनन शुरू हो गया है और सबसे बड़ी बात ये है कि खनन माफिया एकबार फिर अवैध खनन के गोरखधंधे को अंजाम देने में लग गये हैं । प्रशासन नहीं लगा पा रहा इन सभी माफियाओं पर अंकुश। इसी कारण पुलिस पर भी मिलीभगत का आरोप लग रहा है। शासन प्रशासन की सख्ती पर खनन माफियाओं की मनमानी भारी पड़ रही है।
ये भी देखें : मोदी सरकार का लोगों को बड़ा तोहफा, 1,800 अवैध कॉलोनियों को मिली मंजूरी
कई मामले पुलिस की पकड़ में आये हैं
खनन पर रोक लगाने की तैयारी के बाद भी अभी तक बुन्देलखण्ड में अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। जिलो के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। ऐसे कई मामले पुलिस की पकड़ में आ रहे है। लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने से जिले मे अवैध खनन का दौर जारी है।
[playlist type="video" ids="468503"]
रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर बालू खोद रहे हैं
प्रशासन की सख्ती पर खनन माफियाओं की मनमानी भारी होने से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा है।बाँदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र में लगातार अवैध खनन हो रहा है जिसमें बागै नदी से बालू खनन का काला कारोबार बिना रोकटोक जारी है । रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर बालू खोद रहे हैं जिससे बदौसा क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार तेजी से चल रहा है। रोजाना राजस्व का लाखों का नुकसान हो रहा है। निगरानी के बाद भी खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है। जिससे पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है।
ये भी देखें : यहां पत्नी से पीड़ित पति को मिला न्याय, जानिए क्या है पूरा मामला
सवाल यह है कि अगर प्रशासन सख्त होता और कड़ी निगरानी होती तो अवैध रूप से धडल्ले से अवैध
खनन नहीं होता। रोक के बाद भी जिले के कई हिस्सों में धडल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। बदौसा क्षेत्र के बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध रूप से खनन कर बालू को उंचे दाम पर बेंचा जा रहा है। कई जगहों पर लोगों की जरूरत के आधार पर इसकी कालाबाजारी भी की जा रही है।
एनजीटी के नियमो की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है
अगर बात धर्मनगरी चित्रकूट की करें तो यहां भी जिन घाटों में बालू खनन शुरू हुआ है वहां भी अधिकांश स्थानो पर रात के अंधेरे का फायदा उठाया जा रहा है । सबसे ज्यादा यमुना नदी का सीना चीरा जा रहा है । सूचना के अनुसार नदियों में खनन माफियाओं ने पोकलैंड मशीन उतार दी हैं और एनजीटी के नियमो की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है।
ये भी देखें : हार गया भारत! एमर्जिंग टीम्स कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने हराया भारत को
फिलहाल प्रशासन ने अब तक किसी तरह की सख्ती नहि की और शायद यही वजह है कि खनन माफिया इसी समय शुरुआत में ही लाखों के राजस्व की चपत सरकार को लगाना चाहते हैं । साथ ही ये खनन माफिया नदियों का मनमानी सीना भी चीर रहे हैं ।
शेषमणि पांडेय ,जिलाधिकारी चित्रकूट- ने कहा
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है और हम इस मामले की जांच हेतु टीमें गठित करेंगे । फिलहाल धर्मनगरी चित्रकूट में किसी तरह का अवैध खनन बर्दाश्त नही किया जॉयेगा और अगर किसी भी पट्टा धारक ने नियम से इतर खनन करने की कोशिश की तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी"