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मंत्री जी का कीचड़ वाला बस स्टैंड! दोषी कौन कांग्रेस या बीजेपी ?
मंत्री सुरेश पासी की विधानसभा क्षेत्र में लखनऊ-वाराणसी हाईवे में स्थापित कीचड़ युक्त और बदहाल बस स्टैंड को ही ले लीजिए। स्मृति ईरानी यहां की सांसद हैं और सुरेश पासी प्रदेश की सरकार में मंत्री, बावजूद इसके यात्रियों को असुविधा। ऐसे में सवाल लाजमी है, तो अब दोषी कौन कांग्रेस या बीजेपी?
अमेठी: संसदीय क्षेत्र अमेठी की बदहाली की कहानी मशहूर बहुत हुई। कलंक का टीका लगा तत्कालीन सांसद राहुल गांधी पर। देश-प्रदेश के चुनावी मंच और राजनैतिक मंच से ये शोर सबने सुना भी। सच है अमेठी में विकास का पहिया फंस-फंस कर चला। वजह केंद्र में जिसकी सत्ता प्रदेश में वो सत्ता से गायब। ऐसे में सोंचकर भी बहुत से कार्य अधूरे रह गए। हाल के समय में देश की सरकार दूसरे कार्यकाल का 6 माह गुजार चुकी है।
लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर कीचड़ युक्त और बदहाल बस स्टैंड
प्रदेश में उसी केंद्र की सरकार विराजमान है। लेकिन अमेठी की हालत न बदली थी न बदली है। उदाहरण के लिए योगी सरकार के मंत्री सुरेश पासी की विधानसभा क्षेत्र में लखनऊ-वाराणसी हाईवे में स्थापित कीचड़ युक्त और बदहाल बस स्टैंड को ही ले लीजिए। स्मृति ईरानी यहां की सांसद हैं और सुरेश पासी प्रदेश की सरकार में मंत्री, बावजूद इसके यात्रियों को असुविधा। ऐसे में सवाल लाजमी है, तो अब दोषी कौन कांग्रेस या बीजेपी?
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माडर्न बस स्टेशन में है गिनती फिर भी बदहाली पर बहा रहा आंसू
अमेठी के नक्शे में जगदीशपुर का अहम महत्व है, इस क्षेत्र को जनपद का ह्रदय कहा जाता है। यहां की सांसद केन्द्र में मंत्री हैं तो प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश पासी यहां के विधायक हैं। इतना ही नहीं जनपद अमेठी का दौरा सांसद महोदया आए दिन करती रहती हैं। बावजूद इसके यात्रियों की तमाम सुविधाओ को लेकर सब बिल्कुल शून्य रहते हैं। बात की जाए तो जनपद अमेठी का यह बस स्टेशन हर नज़रिए से यात्रियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
क्योंकि गंतव्य तक पहुंचने के लिए यात्रियों को हर समय बस आवागमन व प्रस्थान करती रहतीं है। लखनऊ-वाराणासी राजमार्ग पर स्थित बस स्टेशन से दिल्ली, आजमगढ़, बलिया, लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, रायबरेली, और सुल्तानपुर सहित तमाम शहरों के लिए बसे मुहैया रहती हैं। इन सब के बावजूद भी माडर्न बस स्टेशन जगदीशपुर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
दुकानदारो ने बाहर कर रखा है अवैध कब्जा
स्टेशन के सामने पान की दुकान, चाय की दुकान, चाट व ठेले सहित तमाम दुकाने सजी होने के कारण मानों यहां बस स्टेशन नहीं बल्कि किसी बाज़ार जैसा नजारा देखा जा सकता है। इतना ही नहीं दुकानदारों की निडरता इतनी है कि सामान को सड़कों तक सजाए रखते हैं इन्ही सब वजहों से बाहर से आने जाने वाले यात्री भटकते रहते हैं। कभी-कभी तो दूसरे स्टेशन तक पहुंच जाते हैं। वहीं बस चालक बसो को भीतर न ले जाकर सड़क पर ही खड़ी करके यात्रियों को चढाते व उतारते हैं। जिसके कारण आए दिन यात्री गिर कर चोटिल हो रहे है।
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स्टेशन परिसर में प्राइवेट गाड़ियां व टैक्सियां स्टेशन की बढ़ा रही शोभा
इसे बस चालकों की मनमानी कही जाए या विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की शिथिलता कही जाए। हां इतना जरूर है कि स्टेशन परिसर में बसे तो नहीं लेकिन बल्कि प्राइवेट गाड़ियां व टैक्सिया स्टेशन की शोभा बढाती है। वहीं यात्रियों के लिए स्टेशन परिसर के भीतर पेयजल, मूत्रालय व दूषित जल निकासी की खातिर समुचित व्यवस्था नहीं है। यात्रियों की माने तो शौचालय में बाहरी यात्रियों से अधिक धन वसूली की जाती है।
शौचालय में साफ-सफाई न होने के कारण वहां पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। सूत्रों की मानें तो बाहर सजी दुकानों से माहवारी सुविधा शुल्क भी लिया जाता है। क्षेत्र के सम्मानित लोगों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारी से किया भी लेकिन समस्या समाधान नही हो सकता।
डीएम अरूण कुमार ने कहा जल्द ही निरीक्षण करके वहां पर लोगों को समस्या से निजात दिलाई जाएगी।