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लखनऊ हिंसा की भनक पाने में नाकाम रहे अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
बीते गुरुवार को राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसात्मक आंदोलन की भनक प्रशासन को नहीं होने की चूक पर कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
लखनऊ: बीते गुरुवार को राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसात्मक आंदोलन की भनक प्रशासन को नहीं होने की चूक पर कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
राजधानी लखनऊ में हुए इस उपद्रव में हुई धर-पकड़ के बाद इसके पीछे की साजिश का खुलासा होना शुरू हुआ है तो पता चला है कि बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की तैयारी पिछले नवंबर माह से ही शुरू हो गई थी।
लखनऊ को हिंसा की आग में झोंकने वाले उपद्रवियों द्वारा किए गए कारनामों की परते अब खुलने लगी है। इस हिंसात्मक उपद्रव के मास्टरमाइंड से पूछताछ में सामने आया है कि हिंसा के लिए लखनऊ के बाहर से लोगों को बुलाया गया था और एक प्रोफेसर के जरिए इनको विभिन्न रिहाइशी इलाकों में ठहराया गया था।
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कश्मीर से पत्थरबाजों को बुलाया गया था
खुफिया विभाग समय रहते इसकी जानकारी क्यों नहीं जुटा पाई, पुलिस समय रहते सतर्क क्यों नहीं हो पाई, इसकी भी जांच चल रही है। इस जांच के बाद कुछ बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
सर्विलांस के जरिए पड़ताल में चैंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हिंसा भड़काने के लिए कश्मीर से पत्थरबाजों को बुलाया गया था। यह बात सर्विलांस के माध्यम से किए गये पड़ताल से पता चला है। यह भी पता चला है कि वहां से लगभग 75 पत्थरबाज बुलाए गये थे, जिन्हें अलग-अलग होटलों, लॉज व अन्य स्थानों पर ठहराया गया था।
जांच में यह भी सामने आया है कि इन लोगों को पहले से ही अलग-अलग इलाकों में उपद्रव फैलाने की जिम्मेदारी दी गयी थी। उपद्रव शुरू हो जाने के बाद बाहर से आए युवक भाग निकले। हालांकि इस संबंध में पुलिस अभी खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एसएसपी के पीआरओ का कहना है कि इसके बारे में विवेचना के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
भड़काऊ पत्र हुआ था वायरल
उपद्रव के लिए एक भड़काऊ पत्र भी वायरल किया गया था, जिसमें मुसलमानों के लिए लिखा गया था कि अब करो या मरो की बारी है। यदि अब नहीं किया तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा। यह पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाया गया।
पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही बाहरी उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उधर शासन स्तर पर भी पुलिस द्वारा की गयी चूक की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट के बाद कुछ बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
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