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मायावाती रैलियों में थीं व्यस्त, इधर CBI ने चीनी मिल घोटाले में दर्ज कर दी FIR

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने सरकारी चीनी मिलों की बिक्री में हुई कथित अनियमितता की जांच शुरू की है, जिससे बसपा सुप्रीमो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 26 April 2019 7:53 PM IST
मायावाती रैलियों में थीं व्यस्त, इधर CBI ने चीनी मिल घोटाले में दर्ज कर दी FIR
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सियासी सनसनी! इस वजह से मायावती का इस्तीफा हो सकता है नामंजूर

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने सरकारी चीनी मिलों की बिक्री में हुई कथित अनियमितता की जांच शुरू की है, जिससे बसपा सुप्रीमो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि 2011-12 में मायावती के कार्यकाल के दौरान चीनी मिलों की बिक्री से सरकारी खजाने को कथित तौर पर 1,179 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की है और छह प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की है।

यूपी की इन चीनी मिलों को खरीदने के दौरान दस्तावेजों को जाली बनाने के आरोप में सात निजी लोगों को नामजद किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने पिछले साल 12 अप्रैल को इस मामले में सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के किसी अधिकारी या राज्य के किसी नेता को नामजद आरोपी नहीं बनाया है।

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अधिकारियों ने जानकारी दी कि जांच एजेंसी ने इस मामले में यूपी सरकार के किसी अधिकारी या राज्य के किसी नेता को नामजद आरोपी नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की मिलों की खरीद के दौरान फर्जी दस्तावेज जमा किए थे।

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अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने 21 चीनी मिलों की बिक्री और देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चिट्टौनी और बाराबंकी में बंद पड़ी सात मिलों की खरीद में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। लखनऊ पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी।

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कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मिलों को बेचने में निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे प्रतिस्पर्धा की कमी रही। जिन कम्पनियों ने मिलें खरीदीं, सरकार ने बार-बार उनकी अर्हता बदल दी। इसके अलावा मिलों को खरीदने में पर्याप्त स्टाम्प ड्यूटी भी अदा नहीं की थी। जो चीनी मिलें खरीदी गईं उनमें से देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चित्तौनी और बाराबंकी की बंद पड़ी सात चीनी मिलें भी शामिल थीं।



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Dharmendra kumar

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