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लखनऊ में मनाया गया अवधी फागोत्सव उर्फ 'होली सम्मलेन'
लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत चल रही संगीत बैठकी के तेरहवें दिन होली बैठकी राजाजीपुरम कम्यूनिटी सेंटर के पास स्थित अमिताभ श्रीवास्तव के आवास पर हुई। जहां पर महफ़िल जमी तो लोगों ने जमकर फाग गाया।
लखनऊ: लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत चल रही संगीत बैठकी के तेरहवें दिन होली बैठकी राजाजीपुरम कम्यूनिटी सेंटर के पास स्थित अमिताभ श्रीवास्तव के आवास पर हुई। जहां पर महफ़िल जमी तो लोगों ने जमकर फाग गाया।
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इस मौके पर संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष अच्छेलाल सोनी ने कहा- 'मिलन महापर्व होली में डीजे बजाकर नाचने तथा मांस मदिरा सेवन से इसका रुप बदरंग होता जा रहा है। होरी गीतों की बैठकी धीरे-धीरे कम होती जा रही है, कींचड़, पेण्ट आदि के प्रयोग और कपड़ा फाड़ होली के चलते सभ्य लोग घर से बाहर निकलने में संकोच करने लगे हैं। होरी को बदरंग होने से बचाने के लिए पारम्परिक फाग बैठकी जरुरी है।'
कार्यक्रम की शुरुआत गौरी गणेश सुमिरन 'गणपति सुमिरो री बिघन सब दूर करे' से हुई। इसके बाद 'सब हिल मिल खेलो फाग रंग गुलाल लिए', 'मेरो चुनर में ऐसो चटक रंगो डारो', 'बरजोरी मोहे रंग डारी मोरी भीजी सारी', 'नन्दलाल बिना कैसे खेलूं होरी', 'रंग डारी गिरधारी' और 'फगुवा के खेलन हारे अरे मोहि गड़ि गये नयनवा मां झारे युगल नृत्य वारे' जैसे गीत गाये गये।
इसके साक्षी बने वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार, भूषण अग्रवाल, भारती श्रीवास्तव, अमिताभ श्रीवास्तव, गौरव गुप्ता, अरुण शर्मा, ऋषि यादव, राखी अग्रवाल आदि ने पारम्परिक फाग गाये तथा एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
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जिसके बाद लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि, ‘लुप्त हो रही होली बैठकी की परम्परा को आगे बढ़ाने की दृष्टि से संस्थान द्वारा अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत चलायी जा रही सांध्य बैठक की श्रृंखला में 23 मार्च को सुशान्त गोल्फ सिटी व 24 मार्च को विपुल खण्ड में आयोजन किया गया है तथा इसका समापन शीतलाष्टमी को अर्जुनगंज में किया जायेगा’।