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लॉकडाउन में इस यूनिवर्सिटी में ख़ास कार्यक्रम, 80 स्टूडेंट्स समेत कई प्रोफेसर शामिल

18 वां स्थापना दिवस का कार्यक्रम देशभर के हिंदी विभाग के विद्यार्थियों की प्रतिभागिता से सराबोर रहा। इस कार्यक्रम में 80 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।

Shivani Awasthi
Published on: 14 May 2020 9:22 PM IST
लॉकडाउन में इस यूनिवर्सिटी में ख़ास कार्यक्रम, 80 स्टूडेंट्स समेत कई प्रोफेसर शामिल
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मेरठ। चौधरी चरणसिंह विवि परिसर में हिंदी विभाग का आज 18 वां स्थापना दिवस का कार्यक्रम देशभर के हिंदी विभाग के विद्यार्थियों की प्रतिभागिता से सराबोर रहा। इस कार्यक्रम में 80 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। भारत के राष्ट्रपति भवन में हिंदी के विशेष कार्य अधिकारी डॉ राकेश दुबे से लेकर दक्षिण भारत, गुजरात ,तमिलनाडु हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली शहीद देश भर के तमाम क्षेत्रों से प्रतिभागिता की।

चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में हिंदी विभाग का 18वां स्थापना दिवस मनाया गया

कुलपति प्रो.एन. के. तनेजा ने कहा हिदी विभाग प्रशंसा का पात्र है कि विषम परिस्तिथियों में वेबगोष्ठी का आयोजन कर रहा है, हिंदी विभाग प्रोफेसर लोहनी के निर्देशन में निरंतन प्रगति कर रहा है, हिंदी हमारी संस्कृति, स्वाधीनता, अर्थ और समाज की भाषा है। विश्व विद्यालय का हिंदी विभाग हिंदी के प्रचार प्रसार के साथ हिंदी के विकास के उच्च सोपानों तक पहुँचाने में सहायक होगा। प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि प्रो लोहनी के निर्देशन में हिंदी विभाग टेक्निकली बहुत आगे है, हिंदी की विभागीय पत्रिका मंथन भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण सोपान है।

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हिंदी विभाग टेक्नोलॉजी से कदम से कदम मिलाकर चल रहा

डॉ राकेश बी दुबे ने कहा कि हिंदी विभाग टेक्नोलॉजी से कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। आइसोलेशन और क्वारन्टीन शब्द हमारे लिये नए नहीं है, भारत से गिरमिटिया मजदूर जब विदेश जाते थे तो उन्हें 15 दिन क्वारन्टीन किया जाता था। हमारा कर्तव्य है कि हम आज के दिन हिंदी सेवियों को याद करें, क्योकि हिंदी में इनका कार्य महत्वपूर्ण है।

विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी पर हो चर्चा

हिंदी विभाग को विश्व विद्यालय स्तर पर प्रवासी साहित्य को पठन पाठन में शामिल किया। भारतीय भाषाओं के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास के लिये भाषाओं में अनुवाद का कार्य होना चाहिए। विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिये हमारी तैयारी क्या है, इस पर भी विचार विमर्श होना चाहिए।हिंदी इस जिम्मेदारी के लिये कितनी तैयार है। अन्य भाषाओं के अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से हमें बचना चाहिए, क्योंकि हिंदी में स्थानीयता की खुशबू बची रहनी चाहिये।

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दर्शन के विभिन्न कार्यक्रमों में विभाग के शिक्षिकों और विद्यार्थियों की भागीदारी

डॉ अमरनाथ अमर प्रो. लोहनी के निर्देशन में हिंदी विभाग हिंदी के प्रचार प्रसार और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। दूरदर्शन के विभिन्न कार्यक्रमों में विभाग के शिक्षिकों और विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की है।

150 से भी अधिक देशों में हिंदी बोली और समझी जाती

वरिष्ठ पत्रकार डॉ रवींद्र राणा ने कहा हमारे सांस्कृतिक सरोकारों की भाषा हिंदी का विकास विश्व में तेजी से हो रहा है। दुनिया में 150 से भी अधिक देशों में हिंदी बोली और समझी जाती है। हिंदी दुनिया में बाजार की भाषा के रूप में विकसित हुई है।भारत में हिंदी की एक लाख से भी अधिक पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है।

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कार्यक्रम का आरंभ करते हुए प्रो नवीन चंद्र लोहनी ने कहा

इससे पहले कार्यक्रम का आरंभ करते हुए प्रो नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि विभाग के आरंभ से लेकर विभाग के विकास में विश्व विद्यालय के प्रशासन, शिक्षककों, कर्मचारियों का निरंतर सहयोग प्राप्त होता रहा। हमारा प्रयास है कि विभाग विद्यार्थियों के जीवन को नए आयाम देने में सहायक हो सके। भाषा एक बड़ा औजार है हिंदी सेवी हिंदी के विकास मैं बेहतरीन काम कर हैं शासन और प्रशासन की वेबसाइटों पर हिंदी का बोल है

डॉ मीनू शर्मा ने कहा कि रूस पुरातन काल से भारत का मित्र

डॉ विपिन शर्मा ने बताया कि भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी और अन्य भाषाओं का अस्तित्व पठन पाठन से विस्तृत होगा। भाषाओं के साथ साथ बोलियों के संरक्षण की आवश्यकता है। भाषा की समृद्धि, समाज, विमर्शों और वैचारिकता से होती है।

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डॉ मीनू शर्मा ने कहा कि रूस पुरातन काल से भारत का मित्र है।रूस के कई विश्विद्यालयों में हिंदी पठन पाठन में लेखन, अनुवाद के कार्य हो रहे हैं, रुसी लोग हिंदी को रुचि से पढ़ते हैं। डॉ सुनील कुमार हिंदी विश्व में सम्प्रेषण और बाजार की सबसे बड़ी भाषा है। विश्व में ऐसा कोई स्थान नही जहां एक लाख की आबादी में कोई व्यक्ति हिंदी बोलता और समझता ना हों।

सुशील कुमार,मेरठ।

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