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नाथपंथ के 'वैश्विक प्रदेय’ पर 3 दिन होगा मंथन, CM योगी करेंगे संगोष्ठी का उद्घाटन

मुख्यमंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय की ‘अर्न व्हाइल लर्न’ योजना और गृह विज्ञान विभाग के सोविनियर शॉप और बिज़नेस इनक्यूबेटर सेल का भी लोकार्पण करेंगे।

Newstrack
Published on: 19 March 2021 6:26 PM IST
नाथपंथ के वैश्विक प्रदेय’ पर 3 दिन होगा मंथन, CM योगी करेंगे संगोष्ठी का उद्घाटन
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गोरखपुर। नाथपंथ की ख्याति पूरी दुनिया में अपने लोक कल्याणकारी ध्येय के लिए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी नाथपंथ के सबसे प्रमुख केंद्र और शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली गोरक्षपीठ के वर्तमान अधिष्ठाता हैं। इस पंथ के वैश्विक योगदान का स्मरण करते हुए सम्प्रतिकाल में इसकी अनिवार्य प्रासंगिकता पर मंथन करने को दुनियाभर के नाथपंथी विद्वान तीन दिन तक पंडित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर में ऑनलाइन या ऑफलाइन मौजूद रहेंगे। इसके लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से 20 से 22 मार्च तक ‘नाथपंथ का वैश्विक प्रदेय’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 मार्च को गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में सुबह 9:30 बजे करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि आईएम योगी संगोष्ठी के दूसरे दिन और समापन अवसर पर भी उपस्थित रहेंगे।

‘अर्न व्हाइल लर्न’ योजना

मुख्यमंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय की ‘अर्न व्हाइल लर्न’ योजना और गृह विज्ञान विभाग के सोविनियर शॉप और बिज़नेस इनक्यूबेटर सेल का भी लोकार्पण करेंगे। छात्रों को पढ़ाई के दौरान से ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली अर्न व्हाइल लर्न योजना की गोरखपुर विश्वविद्यालय में शुरुआत भी सीएम योगी की प्रेरणा से हो रही है। पहले चरण में इसका लाभ 100 छात्रों को मिलेगा।

छह क्षेत्रों में आयोजित होंगे तीन दर्जन तकनीकी सत्र

नाथपंथ पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान छह क्षेत्रों में करीब तीन दर्जन तकनीकी सत्रों में देश और दुनिया के कोने कोने से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ या तो खुद मौजदू रहेंगे या ऑनलाइन मोड़ से जुड़ेंगे। शुरुआत में विश्विद्यालय प्रशासन ने पांच क्षेत्रों में संगोष्ठी की तैयारी की थी लेकिन मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इसमे एक क्षेत्र और बढ़ा दिया गया। सीएम योगी ने नाथपंथ पर विश्व में अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध साहित्य के संकलन व अनुवाद की इच्छा और आवश्यकता जताई थी। सीएम योगी ने कहा था कि पड़ोसी देश नेपाल और अपने देश के बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में नाथपंथ के अनुयायी बहुतायत में हैं। यहां नाथपंथ का साहित्य भी उपलब्ध है। सीएम से तैयारियों पर चर्चा के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह ने इस बिंदु को भी आयोजन सूची में जोड़ लिया।

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नाथपंथ के अनुयायियों के लिए प्लेटफार्म बनेगी संगोष्ठी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर आयोजित हो रही अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी दुनिया के कोने कोने में फैले नाथपंथ के अनुयायियों के लिए प्लेटफार्म बनने जा रही। इससे देश-विदेश में अनेक भाषाओं में उपलब्ध नाथपंथ के साहित्य को इकट्ठा कर उनके अनुवाद का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

संगोष्ठी में स्पेन से भगवाननाथ, आस्ट्रिया से योगी हालमननाथ, ब्राजील से योगिनी देवकीनाथ, अमेरिका के मिसिगन यूनिवर्सिटी से प्रो. माधव देश पांडेय, मारीशस डा. विश्वानंद पुटिया, मध्यप्रदेश के डा. हरि सिंह, गौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. बलवंत जानी, इंडियन काउंसिल के चेयरमैन प्रो. आरसी सिन्हा, अमेरिका से कपिलनाथ, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. सुधीर सिंह, महाराष्ट्र से योगी विलासनाथ, रूस से योगी मत्स्येन्द्र नाथ, बांग्लादेश से डा. कुशल बी. चक्रवर्ती, जेएनयू दिल्ली से प्रो. कपिल कपूर, रोहतक के बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के प्रो राम सजन पांडेय, हिमांचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. हरमहेंद्र सिंह बेदी समेत देश व दुनिया से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में जुड़ेंगे।

रिपोर्ट : पूर्णिमा श्रीवास्तव

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