TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बाल श्रमिकों के लिए नियोजक से ज्यादा जिम्मेदार हैं अभिभावक: श्रम मंत्री

उत्तर प्रदेश के श्रम एवं नियोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि चाय की दुकान या अन्य अनियोजित जगहों पर हो रहे बाल श्रम में सिर्फ नियोजक की गलती नहीं है, इसमें अभिभावक उनसे ज्यादा दोषी हैं। आखिर सरकार ने बच्चों के कपड़ों से लेकर खाने व पढ़ने तक पूरी व्यवस्था कर रखी है।

Dharmendra kumar
Published on: 26 Aug 2019 8:49 PM IST
बाल श्रमिकों के लिए नियोजक से ज्यादा जिम्मेदार हैं अभिभावक: श्रम मंत्री
X

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के श्रम एवं नियोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि चाय की दुकान या अन्य अनियोजित जगहों पर हो रहे बाल श्रम में सिर्फ नियोजक की गलती नहीं है, इसमें अभिभावक उनसे ज्यादा दोषी हैं। आखिर सरकार ने बच्चों के कपड़ों से लेकर खाने व पढ़ने तक पूरी व्यवस्था कर रखी है तो ऐसे में अभिभावक का भी कर्तव्य बनता है कि वह उसकी शिक्षा पर ध्यान दें लेकिन ऐसा नहीं होता।

श्रम एवं नियोजन मंत्री मौर्य सोमवार को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शताब्दी सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि आखिर सरकार आपके आवास, शौचालय सहित पूरी व्यवस्था करने के लिए तैयार है तो लोग किस बात की गरीबी का रोना रोते हैं। यह लोगों में जागरुकता की कमी है, जिसके कारण बच्चों को स्कूल न भेजकर दुकान पर काम करने के लिए भेजते हैं। इसी के लिए अब हमने जागरुकता अभियान चलाने के लिए सभी श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है।

यह भी पढ़ें…ट्रंप के सामने PM मोदी की खरी-खरी, कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा, किसी की जरूरत नहीं

उद्योग और श्रमिक दोनों एक दूसरे के पूरक

उन्होंने कहा कि उद्योग और श्रमिक दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। समस्याओं का समाधान दोनों को एक साथ मिलकर करना होगा। तभी सबका विकास हो सकता है। यदि उद्योग नहीं रहेगा तो श्रमिक कहां से रह जाएगा और श्रमिक नहीं रहेगा तो उद्योग कहां से होगा। हम इस आधार को लेकर दोनों के हितों का ध्यान रख रहे हैं। यही कारण है कि यूपी सरकार ने 18 श्रम कानूनों में संसोधन किया है, जिससे दोनों को लाभ हो। इसके अतिरिक्त श्रमिकों के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये के बजट का प्रावधान है लेकिन हमें पंजीकरण पर ध्यान देना होगा।

श्रमिकों के पंजीकरण कराने पर दिया जोर

उन्होंने श्रमिक संगठनों को आह्वान करते हुए कहा कि सभी काे मिलकर श्रमिकों के पंजीकरण पर जोर देना चाहिए। सभी लोग तमाम योजनाओं की बात तो करते हैं लेकिन दर्जन भर से अधिक चल रही योजनाओं के लिए खुद से अधिकतम मजदूरों के पंजीकरण पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि आखिर मजदूरों का पंजीकरण नहीं होगा ताे वे कैसे लाभ ले पाएंगे।

यह भी पढ़ें…SC से चिदंबरम को झटका, अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

सपा सरकार में 32 लाख पंजीकरण, अब 55 लाख

उन्होंने कहा कि सपा सरकार के समय 32 लाख मजदूरों का पंजीयन था। हमारे प्रयास का परिणाम रहा कि अब 55 लाख पंजीकृत श्रमिक हैं। अब इसे अगले वर्ष तक 65 लाख पंजीकरण का लक्ष्य लेकर हम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी मिनी इंडिया है। विश्व में कई देश हमसे बहुत छोटे हैं। हमारे यहां जनसंख्या के हिसाब से उद्योग नहीं हैं। इस कारण हमारे यहां से मजदूरों को काम के लिए बाहर जाना पड़ता है।

उद्योग व श्रमिकों के बीच बने पारिवारिक वातावरण

हम प्रयास कर रहे हैं कि उद्यमियों और श्रमिकों के बीच एक पारिवारिक वातावरण बने और यूपी में उद्योगों की स्थापना हो, जिससे श्रमिकों को बाहर न जाना पड़े। जब उद्योग और श्रमिक में पारिवारिक वातावरण बनेगा तो उद्योग और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि हमने लखनऊ के अपर श्रमायुक्त बीके राय से कहकर कंस्ट्रक्शन के मजदूरों का पंजीयन कराना शुरू किया। इस संबंध में यहां बहुत कम दिन में सराहनीय कार्य हुआ है। इसके लिए पूरी टीम बधाई के पात्र है।

यह भी पढ़ें…तेजस एक्सप्रेस: रेल यात्रियों की बल्ले-बल्ले, लेट हुई ट्रेन तो मिलेगा रिफंड!

पंजीकृत श्रमिकों के लिए सरकारी योजनायें

उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में बताया कि पुरूष कामगारों को उनकी पत्नियों के मातृत्व हितलाभ के लिए छह हजार, प्रसव के उपरांत पुत्र होने पर 12000 रुपये और पुत्री होने पर 15000 रुपये, परिवार में पहली पुत्री होने पर 25 000 रुपये, पंजीकृत श्रमिकों के दुर्घटना में मृत्यु की दशा में पांच लाख, विकलांगता पर तीन लाख, स्थायी अपंगता पर दो लाख, आंशिक विकलांगता पर एक लाख, सामान्य मृत्यु पर दो लाख सहायता दिये जाने की योजना है। इसके अलावा पंजीकृत श्रमिकों के पुत्री के स्वजातीय विवाह के लिए 55,000 रुपये व अंतरराजीय विवाह की स्थिति में 61,000 रूपये सामूहिक विवाह में 65,000 की धनराशि दी जाती है।

यह भी पढ़ें…BJP नेताओं की मौत में साध्वी प्रज्ञा को साजिश का शक, इन पर लगाया बड़ा आरोप

राज्य मंत्री ने कहा, श्रमिक है भगवान का रूप

इस अवसर पर श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल कोरी ने भी आह्वान किया कि श्रमिकों का जल्द से जल्द रजिस्टेशन करायें, जिससे उन्हें लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि श्रमिक भगवान का ही रूप है। उसके साथ न्याय करेंगे तो सबका न्याय होगा। इस अवसर पर श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा, आईएलओ के डिप्टी डाइरेक्टर संतोषी ससाकी, यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर अमित महरोत्रा ने भी विचार रखे। सेमिनार में 150 श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के लाभ का प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस अवसर पर अपर श्रमायुक्त् बीके राय, अपर श्रमायुक्त एसपी शुक्ला, अपर श्रमायुक्त आरपी गुप्ता, उप श्रमायुक्त बंदना आदि मौजूद रहे।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story