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खुला रहा रेलवे क्रासिंग का गेट, धड़धड़ाती निकल गई डीएमयू, आगे हुआ ये

चित्रकूट में मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग के मानिकपुर-सतना रेलखंड के रेलवे ट्रैक पर मंगलवार की सुबह मारकुंडी रेलवे फाटक(402 गेट) पर बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया।

Aditya Mishra
Published on: 13 Nov 2019 11:02 AM GMT
खुला रहा रेलवे क्रासिंग का गेट, धड़धड़ाती निकल गई डीएमयू, आगे हुआ ये
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मारकुंडी: चित्रकूट में मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग के मानिकपुर-सतना रेलखंड के रेलवे ट्रैक पर मंगलवार की सुबह मारकुंडी रेलवे फाटक(402 गेट) पर बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया।

गेटमैन की लापरवाही से क्रासिंग खुली रह गई और डीएमयू पैंसेजर(51764) पार कर गई। गनीमत यह रही की गुजर रही ट्रेन को आगे स्टेशन मे रूकना था, इस लिए ट्रेन धीमी गति से निकल रही थी। फाटक क्रास कर रहे राहगीरों ने ट्रेन को देखकर सभी लोगों को सतर्क कर दिया,जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया।

ट्रेन के हार्न देने पर जब राहगीरों की नजर उस पर पड़ी तो क्रासिंग पर वाहन देख अफरातफरी मच गई।क्रासिंग के पास मौजूद राहगीरों ने शोर मचा दिया और जिससे क्रासिंग पार कर रहे लोग सहम कर जाम हो गए।

इधर कुछ ही पल में ट्रेन ट्रैक धड़धड़ाकर क्रासिंग पार कर गई। ट्रेन निकलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। यह गंभीर प्रकरण है। इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।

इंटरलॉकिंग है क्रासिंग,स्टेशन मास्टर ने नहीं दी थी सूचना

गेटमैन धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 402 क्रासिंग इंटरलॉकिंग है। हमें सूचना प्राप्त होने पर ही हमें फाटक बंद करने का निर्देश है। हमे जानकारी नहीं दी गई थी।

मैंने ट्रेन को देखकर गेट बंद किया है। ट्रेन के आने की जानकारी उसे नहीं दी गई। इसी कारण फाटक खुला रह गया। सिग्लन भी ग्रीन होने धड़ाधड़ ट्रेन निकल गई।

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शेफ्टी अधिकारी ने पत्रकार से की अभद्रता

खुले रेलवे गेट की फोटो खींचने पर रेलवी के शेफ्टी विभाग के अधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने पत्रकार से बदतमीजी करते हुए फोटो खींचने का विरोध कर मोबाइल को पकड़कर नीचे पटक दिया।

शेफ्टी विभाग के अधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने पत्रकार के साथ गालीगलौज करते हुए मारपीट भी की है। शेफ्टी विभाग के अधिकारी वीरेंद्र शर्मा का कहना था रेलवे गेट की फोटो खींचोगे तो मारे जाओगे। साथ ही फर्जी एफआईआर कर फंसा देंगे। अब देखना यह होगा की कब तक इस तानाशाह अधिकारी पर कार्यवाही होगी

प्रत्यक्षदर्शी बिष्णू प्रसाद ने बताया कि यदि ट्रेन हॉर्न न देती और गाड़ी धीमी न होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। उपस्थित लोगों ने समय रहते सब को सतर्क कर दिया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। यह रेलवे के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है।

प्रत्यक्षदर्शी अमित कुमार ने बताया अगर हमें राहगीरों द्वारा समय से सतर्क न किया जाता तो हम आज इस दुनिया से बेमौत बिदा हो जाते। जिम्मेदारों के इस तरह के लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। फिलहाल इस मामले की गहनता से जांच होनी चहिए।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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