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Chitrakoot News: भगवान राम की तपोस्थलीय चित्रकूट के परिक्रमा पथ में सरकारी जमीनों में असरदारों का कब्जा
Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में हर महीने अमावस्या मेला के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। खासकर पांच दिवसीय दीपदान मेला के साथ ही आषाढ़, सावन, कार्तिक, माघ आदि माह के मेला में भीड़ अधिक होती है।
Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में हर महीने अमावस्या मेला के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। खासकर पांच दिवसीय दीपदान मेला के साथ ही आषाढ़, सावन, कार्तिक, माघ आदि माह के मेला में भीड़ अधिक होती है। उस दौरान प्रशासन को वाहन पार्किंग के लिए खाली जमीनें तलाशनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में लोगों के खाली पड़े प्लाट का प्रयोग करना पड़ता है। जबकि परिक्रमा मार्ग के आसपास ही सरकारी जमीनों में लोगों ने कब्जे कर मकान बना लिए है। जिनकी तरफ जिम्मेदारों की नजर ही नहीं जा रही है।
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कामदगिरि परिक्रमा मार्ग से सटी लक्ष्मण पहाड़ी के बगल में ग्राम सभा व तालाब की जमीनों में असरदारों ने अवैध कब्जे कर रखे है। यहां पर अवैध तरीके से स्थाई निर्माण हो चुके है। निर्माण के दौरान जिम्मेदारो महकमे के कर्मचारियों ने कभी उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया। जिससे इन कर्मचारियों की सह पर बेधड़क कब्जे हो गए। जिम्मेदार अधिकारी भी इन अवैध कब्जों को हटवाने के लिए खामोशी साधे हुए है। इसी तरह रामायण दर्शन के पास भी तालाब की जमीन में कुछ लोगों ने निर्माण करवा रखे है। कुछ माह पहले जिला प्रशासन ने कुछ हिस्सा हटवाया था, लेकिन अतिक्रमणकारी ने दोबारा निर्माण करा लिया है। अभी तक यहां पर पानी की टंकी को भी कैद कर लिया गया था।
रामायण दर्शन की तरफ परिक्रमा पथ पर बेधड़क दुकानें लगाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो राजस्व व वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश स्तर के असरदार एक नेता का नाम लेकर यहां पर तालाब की जमीन में पक्का निर्माण कराया गया है। उसे अगर अतिक्रमण हटाने को कहा जाता है तो वह उनको यहां से ट्रांसफर कराने की धमकी दी जाती है। कुछ स्थानीय लोगों को कहना है तालाब की जमीन में अवैध निर्माण जिम्मेदारों को सुविधा शुल्क देकर कराया गया है और असरदार नेता की बात कहकर कर्मचारी उच्चाधिकारियों को गुमराह कर रहे है।
एक सप्ताह से बंद चल रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान
परिक्रमा मार्ग में अवैध कब्जे हटाने की हुंकार भरने वाले जिम्मेदार अफसरों ने खामोशी साध रखी है। यही वजह है कि एक सप्ताह से प्रशासनिक टीम अवैध कब्जे हटाने नहीं पहुंची है। अभी तक गरीब दुकानदारों की झुग्गी-झोपड़ी ही प्रशासन ने पहले की तरफ हटाई है। क्योंकि प्रशासन व वन विभाग पहले भी अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूरी करता रहा है। अधिकारी अब भी चिन्हित अवैध कब्जों को पूरी तरह से हटाने की बात तो कह रहे हैं, लेकिन हटाने के नजदीक पहुंचने से अब कतरा रहे है।
बोले असरदार
कामदगिरि परिक्रमा पथ से पूरी तरह अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा 102 लोगों ने अवैध निर्माण किया है जिसमं लगभग एक दर्जन लोगों के अवैध निर्माण को गिराया जा चुका है। शेष लोगों का जल्द ही कब्जा हटाया जाएगा।