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CM योगी ने किसानों के हित में किए गए कार्यों को गिनाया, विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कृषि उपज बढ़ाने के लिए हर जिले में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित कराने का भी जिक्र करते हुए कहा, हमने किसान को तकनीक से जोड़ा। खेती के विविधीकरण का प्रयास किया।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कृषि उपज बढ़ाने के लिए हर जिले में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित कराने का भी जिक्र करते हुए कहा, हमने किसान को तकनीक से जोड़ा। खेती के विविधीकरण का प्रयास किया। सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की व्यवस्था भी की है। खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रावधान किये गए हैं। नाबार्ड से रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। यह सब बजटीय प्रावधान किसानों के लिए है।
किसानों के हित में किए गए कार्यों का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ने पीएम किसान सम्मान योजना का भी उल्लेख किया और कहा कि प्रदेश के 2 करोड़ 42 लाख किसान इससे लाभान्वित हैं। कृषक दुर्घटना बीमा का दायरा बढ़ाया गया। बटाईदार और उसका परिवार भी इससे लाभान्वित हो सकेगा। किसानों के हितों में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों का हित हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता है।
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हमने औरों की तरह चीनी मिलें बन्द नहीं कीं बल्कि चलाई हैं। हमने गेहूं, धान और गन्ने का रिकॉर्ड भुगतान किया है। वह भी समय से पूरी पारदर्शिता के साथ। इसके बाद भी हम किसान विरोधी? यह कहाँ का अर्थशास्त्र है? तथ्यों और तर्कों के साथ यह सीधा सवाल मुख्यमंत्री ने विपक्ष से पूछा। मुख्यमंत्री ने कृषि बिल पर विपक्षी दलों के हल्ला मचाने पर सवाल खड़े किये और कहा किसानों को गुमराह मत करें।
विपक्ष पर साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय बजट 2021-22 के प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान किसानों के हक में किए गए तमाम कार्यों का विस्तार से जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट खेती कोई नई नहीं है। बैद्यनाथ कम्पनी कब से यह कर रही है। यह तो किसानों की आय बढ़ाने का साधन है। आप किसानों को गुमराह मत कीजिये। यह किसानों के साथ अन्याय है। मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जा रहा है। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। हमने कैबिनेट की पहली बैठक तब तक नहीं की जब तक कि किसानों का कर्जा माफ करने की पूरी नीति नहीं बना ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। मंडिया भी चलेंगी और मुक्त बाजार में भी किसानों की उपज बिकेगी। एमएसपी से अधिक जहां मिले किसान बेचे। 19 मार्च 2021 तक हमने 125261.48 करोड़ का भुगतान किसानों को किया है। चीनी मिलें जून तक चलीं। कोविडकाल में 119 चीनी मिलें चलीं।
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98.5 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है। 10757 करोड़ यानी करंट सत्र में 52 फीसदी भुगतान हो चुका है। यह हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता का परिचायक है। हमने चीनी मिलें बन्द नहीं कीं बल्कि चलाई हैं। और हम किसान विरोधी? यह कहाँ का अर्थशास्त्र है? जबकि प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसल का ऑनलाइन भुगतान किया। धान क्रय केंद्रों पर 66 लाख मीट्रिक टन खरीद अब तक हो चुकी है। और सीधे किसान के खाते में उनकी फसल का भुगतान हो रहा है।
श्रीधर अग्निहोत्री