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कोरोना पर सतर्क हुए सीएम योगी, क्वारंटीन पर दिए सख्त आदेश

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि विदेश से आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से की जाए।

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Published on: 22 Dec 2020 11:03 AM GMT
कोरोना पर सतर्क हुए सीएम योगी, क्वारंटीन पर दिए सख्त आदेश
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कोरोना पर सतर्क हुए सीएम योगी, क्वारंटीन पर दिए सख्त आदेश (PC: social media)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन देशों में वायरस का नया स्वरूप सामने आया है, ऐसे देशों से पिछले 15 दिन में प्रदेश में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा क्वारंटीन की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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विदेश से आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से की जाए

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि विदेश से आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विगत 15 दिनों के दौरान प्रदेश में विदेश से आए लोगों की जांच की जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग को एक हेल्पलाइन नम्बर जारी करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राइवेट लैब्स द्वारा RTPCR की जांच के सम्बन्ध में किसी भी दशा में 700 रुपये प्रति जांच से अधिक की फीस न ली जाए। यदि व्यक्ति का सैम्पिल घर से कलेक्ट किया जाता है, तो 900 रुपये का जांच शुल्क लिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश सरकार लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 की 95.68 प्रतिशत रिकवरी दर पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए इस दिशा में सभी प्रयास निरन्तर जारी रखे जाएं। सीएम ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त बनाए रखा जाए। कोविड अस्पतालों में औषधियों, मेडिकल उपकरण तथा ऑक्सीजन की बैकअप सहित सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को निरन्तर जागरूक किए जाने के निर्देश दिए हैं।

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ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए

उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसके माध्यम से आॅनलाइन चिकित्सीय परामर्श का लाभ प्राप्त कर सके। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में ई-संजीवनी एप का उपयोग करने वालों की संख्या अब तक तीन लाख से अधिक हो गई है।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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