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गांवों में जाकर सेवा भाव से करें शिक्षादान, नई शिक्षानीति भी जानें: सीएम योगी

बेसिक शिक्षा के 69000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आज पूरी हो रही है। सभी चयनित शिक्षकों को बधाई देता हूं। बेसिक शिक्षा विभाग को भी बधाई देता हूं जिन्होंने सभी चुनौतियों को पूरा करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया है।

Newstrack
Published on: 5 Dec 2020 8:56 AM GMT
गांवों में जाकर सेवा भाव से करें शिक्षादान, नई शिक्षानीति भी जानें: सीएम योगी
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गांवों में जाकर सेवा भाव से करें शिक्षादान, नई शिक्षानीति भी जानें: सीएम योगी

लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग के 36,590 सहायक अध्यापकों नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा को खेल-खेल में पढ़ाने की दिशा में काम करें। बच्चों को स्कूल से भय नहीं लगना चाहिए। उन्होंने युवा शिक्षकों का आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कोरोना काल में देश की सेवा की उसी भाव से आप लोग भी गांवों में जाकर शिक्षा दान करें। उन्होंने नव नियुक्त शिक्षकों से कहा कि वह नई शिक्षानीति से भी पूरी तरह परिचित हो जाएं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि सभी नव नियुक्त शिक्षकों को नई शिक्षा नीति की प्रति जरूर उपलब्ध कराएं।

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना बड़ी उपलब्धि- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना बड़ी उपलब्धि है क्योंकि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाए। आज इस भर्ती प्रक्रिया में 39 792 पुरुष व 28075 महिलाओं का चयन हुआ है। इनमें 6675 शिक्षा मित्र भी शामिल हैं।

बेसिक शिक्षा के 69000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आज पूरी हो रही है। सभी चयनित शिक्षकों को बधाई देता हूं। बेसिक शिक्षा विभाग को भी बधाई देता हूं जिन्होंने सभी चुनौतियों को पूरा करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है लोकतांत्रिक व्यवस्था में ईमानदारी पूर्वक काम करना अपने आप में चुनौती होती है । पग- पग पर बाधाएं आती हैं।

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नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न

जनवरी 2019 में प्रक्रिया हमारी पूरी हो चुकी थी लेकिन कोई ना कोई व्यक्ति न्यायालय में जाता था वह न्यायालय प्रक्रिया के तहत ही मामला लटकते -लटकते हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने और सुप्रीम कोर्ट से वापस तथा विजय प्राप्त करने के पश्चात हम लोग आज इस प्रक्रिया को संपन्न करने जा रहे हैं। हमारे लिए नियुक्ति प्रक्रिया पूरे पारदर्शी तरीके से संपन्न करना इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि प्रदेश के अंदर हमारे पास 158000 से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय हैं और इन सारे विद्यालयों में बहुत सारे ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं थे या एकल शिक्षक की वजह से एक -एक शिक्षक के भरोसे पांच कक्षाएं चल रही हैं।

ऐसे में उम्मीद करना है कि एक शिक्षक पांच कक्षाओं को संचालित करेगा यह बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय था । बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले यह जरूरी है। अगर विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल ना हो शासन की सुविधाएं ना हो तो हम उम्मीद करें कि शिक्षा के क्षेत्र में हम अपने प्रदेश को अग्रणी राज्यों में लेकर जाएं दुनिया के विकसित देशों के साथ स्पर्धा करें तो यह अपने आप में दिवास्वप्न है इसलिए सरकार ने एक-एक करके हर क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन का प्रयास किया।

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कितने बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जा पाते थे

बेसिक शिक्षा परिषद हमारे सुधार का प्रमुख केंद्र इसलिए बना क्योंकि यहां बहुत संभावनाएं हैं । इन संभावनाओं के बीच में जो कार्यक्रम चले हैं वह बहुत अच्छे से आगे बढ़े हैं पिछले 8 महीनों से पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है लेकिन उससे पहले जो 3 वर्ष का कार्यकाल संपन्न हुआ इसके दौरान हम लोगों ने देखा कि प्रदेश के अंदर बेसिक शिक्षा केंद्र 50 लाख से अधिक बालक बालिकाओं को अतिरिक्त प्रवेश मिला यह बड़ी संख्या है, बहुत सारे राज्यों के लिए बड़ी संख्या है कितने बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जा पाते थे। उनको कोई काउंसलिंग करने वाला नहीं था, उनको कोई समझाने वाला नहीं था या बहुत सारे बच्चे ऐसे होते थे जिनके पास कपड़े नहीं होते थे सरकार ने निर्णय लिया कि हम सभी बच्चों को दो-दो यूनिफॉर्म देंगे।

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बहुत सारे बच्चे जो नंगे पांव स्कूल जाते थे

हम लोगों ने देखा गांव में जाकर के बहुत सारे बच्चे जो नंगे पांव स्कूल जाते थे उन बच्चों को अच्छा यूनिफॉर्म मिल सके जूते- मोजे मिल सकें। जाड़े में देखा कि बच्चे स्कूल में सर्दी से ठिठुर रहे हैं तो उन्हें स्वेटर देने का काम किया। महत्वपूर्ण सरकार की मंशा है। पूरी ईमानदारी के साथ योजनाओं को लागू करना सबके लिए बिना भेदभाव के सरकार काम कर रही है। एक बड़ी संख्या है एक करोड़ अस्सी लाख बच्चे । कई राज्यों की तो इतनी आबादी नहीं है जितने हमारे पास स्कूलों में बच्चे हैं । इतने सारे बच्चों के लिए यूनिफॉर्म, जूते, पुस्तकें, बैग और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था निशुल्क करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती का कार्य है । वितरण में आगे-पीछे हो सकता है लेकिन सरकार की मंशा है कि सुविधा सबको मिलनी चाहिए।

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स्कूल में शिक्षक के भय को दूर करें, स्कूलों में शिक्षा का माहौल बनायें

उन्होंने युवा शिक्षकों से कहा कि वह स्कूलों में ऐसा माहौल बनाएं जहां जाकर बच्चे पढऩा चाहें। स्कूल में शिक्षक के भय से अगर बच्चे स्कूल जाना बंद कर दें तो यह शिक्षक की नाकामी है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद सभी जिलों में मौजूद चयनित शिक्षकों को विभाग के अधिकारियों की ओर से नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराए गए।

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रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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