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ई चालान के प्रकरणों के निस्तारण का लिए होगी ई कोर्ट की स्थापना : मुख्यमंत्री

यूपी में चल रही ई-चालान व्यवस्था के तहत आये दिन होने वाली परेशानियों को देखते हुए अब ई-कोर्ट स्थापना होने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाहनों के ई-चालान प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए ई-कोर्ट की स्थापना करने को कहा है।

Ashiki
Published on: 10 Feb 2021 9:14 PM IST
ई चालान के प्रकरणों के निस्तारण का लिए होगी ई कोर्ट की स्थापना : मुख्यमंत्री
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ई चालान के प्रकरणों के निस्तारण का लिए होगी ई कोर्ट की स्थापना : मुख्यमंत्री

लखनऊः यूपी में चल रही ई-चालान व्यवस्था के तहत आये दिन होने वाली परेशानियों को देखते हुए अब ई-कोर्ट स्थापना होने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाहनों के ई-चालान प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए ई-कोर्ट की स्थापना करने को कहा है। ई-कोर्ट की स्थापना के बाद प्रदेश में लंबित पड़े लगभग 36 लाख मामले यदि शीघ्र निस्तारित होंगे तो इनसे जुर्माने में मिली धनराशि से न केवल प्रदेश सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, बल्कि दुर्घटनाओं मे भी कमी के साथ-साथ यातायात नियमों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।

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किया गया विचार-विमर्श

न्यायालयों पर कार्य के दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-कोर्ट की स्थापना की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है। इस सम्बन्ध में आज अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी व प्रमुख सचिव, न्याय, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने आज न्याय विभाग में एक संयुक्त बैठक कर इस कार्य को गति देने के विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। बैठक में जानकारी दी गयी कि विगत 7 जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2020 तक किये गये ई-चालानों की कुल संख्या 1,13,33,367 है।

उल्लेखनीय है कि जिन मामलो का निस्तारण जुर्माने से नहीं हो पाता है उन्हें न्यायालय को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजा जाता है। इनमें से कोर्ट में प्रेषित ई-चालानों की संख्या 38,21,241, कोर्ट द्वारा निस्तारित ई चालानों की संख्या 1,78,999 तथा अनिस्तारित ई चालानों की संख्या 36,42,242 है। बैठक में बताया गया कि वाराणसी एवं फैजाबाद जनपदों में ई चालान न्यायालय को एनआईसी के माध्यम से भेजा जा रहा है। न्यायालय द्वारा इसके सम्बन्ध में चालान करके रसीद अपलोड कर दी जाती है। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में न्याय विभाग के माध्यम से शीघ्र लागू किये जाने पर विचार-विमर्श किया गया।

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यह भी जानकारी दी गई कि यातायात निदेशालय द्वारा एनआईसी के माध्यम से प्रयागराज में ई-मैंपिग की जा रही है। इस प्रकार की ई-मैपिंग की व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू किये जाने के विभिन्न पहलुओं पर भी बैठक मे विचार-विमर्श किया गया।उल्लेखनीय है कि तकनीकी के विकास के साथ-साथ नियमों का अनुपालन न करने वाले वाहनों के ई-चालान किये जाने की व्यवस्था है। इनका निस्तारण वर्तमान समय में न्यायालयों के माध्यम से कराया जा रहा है।

श्रीधर अग्निहोत्री



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