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गुस्से में सीएम योगी: कोरोना को लेकर सख्त, अब अधिकारीयों को पड़ेगा भारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक जनपद में नर्सिंग होम संचालकों तथा आईएमए के पदाधिकारियों से नियमित संवाद बनाते हुए यह सुनिश्चित कराया जाए कि वे संक्रमित मरीज को उपचार के लिए कोविड अस्पताल भेजने में कतई विलम्ब न करें।
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर आगह किया है कि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि त्यौहार नजदीक हैं इसलिए पूरी तरह से सावधानी रखें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा है कि कोविड संक्रमण की दर में कमी आ रही है। इसके बावजूद किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा असावधानी जोखिमपूर्ण हो सकती है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम व उपचार की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी जाए।
कोविड-19 के नियंत्रण के लिए रणनीति को निर्धारित किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सुबह कोविड अस्पताल में तथा शाम को इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में नियमित रूप से बैठक की जाए। इस बैठक में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संचालित गतिविधियों की समीक्षा की जाए तथा आगे की रणनीति को निर्धारित किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में नर्सिंग होम संचालकों तथा आईएमए के पदाधिकारियों से नियमित संवाद बनाते हुए यह सुनिश्चित कराया जाए कि वे संक्रमित मरीज को उपचार के लिए कोविड अस्पताल भेजने में कतई विलम्ब न करें।
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कोविड-19 के जागरूकता अभियान जारी रहेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की दर में कमी के बावजूद कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को चाक-चैबन्द रखा जाए। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किये जाने की कार्यवाही निरन्तर जारी रखी जाए। इसके लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का भरपूर उपयोग किया जाए।
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इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।