×

अवैध संपत्ति पर एक्शन: नहीं बचेंगे अब कब्जेदार, योगी सरकार उठा रही कठोर कदम

यह बताना जरूरी है कि अकेले राजधानी लखनऊ में ही 200 से अधिक शत्रु व निष्क्रांत सम्पत्तियां हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सभी तहसीलदारों से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में शत्रु एवं निष्क्रांत सम्पतियों का व्यौरा एकत्र करें।

Newstrack
Published on: 29 Aug 2020 1:38 PM IST
अवैध संपत्ति पर एक्शन: नहीं बचेंगे अब कब्जेदार, योगी सरकार उठा रही कठोर कदम
X
सीएम योगी अवैध संपत्ति पर उठाएंगे कठोर कदम (file photo)

लखनऊ: इन दिनों प्रदेश की भाजपा सरकार शत्रु सम्पत्यिों पर अवैध कब्जे के खिलाफ अपना अभियान छेडे हुए है। जिसके तहत इन सम्पतियों का सत्यापन किया जा रहा है। अधिकतर दस्तावेज गायब होने के कारण ही इस पर अब तक माफियाओं ने अवेध ढंग से कब्जा कर रखा था। माफिया मुख्तार अंसारी के मामले में यही बात सामने आने के बाद अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का काम शुरू किया गया है। मुख्तार अंसारी ने निष्क्रांत सम्पति पर कब्जा किया था, यानी यह सम्पति जिसके स्वामी 1956 से पहले भारत से पाकिस्तान चले गये थे।

ये भी पढ़ें:खेल दिवस पर पीएम मोदी की अपील- खेल और फिटनेस को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

लखनऊ में ही 200 से अधिक शत्रु व निष्क्रांत सम्पत्तियां हैं

यहां यह बताना जरूरी है कि अकेले राजधानी लखनऊ में ही 200 से अधिक शत्रु व निष्क्रांत सम्पत्तियां हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सभी तहसीलदारों से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में शत्रु एवं निष्क्रांत सम्पतियों का व्यौरा एकत्र करें। डीएम का कहना है कि जहां पर शत्रु संपत्तियां हैं उनका संरक्षण किया जाएगा। साथ ही अवैध कब्जेदारों को वहां से हटाने की कार्यवाही की जाएगी।

cm-yogi सीएम योगी अवैध संपत्ति पर उठाएंगे कठोर कदम (file photo)

क्या होती है शत्रु सम्पतियां?

भारत ने 1962 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई छिड़ने पर भारत सुरक्षा अधिनियम के तहत इन देशों के नागिरकों की जायदाद पर कब्जा कर लिया था। इसके तहत जमीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और दुश्मन देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को अधिकार में लिया जा सकता है।

शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है शत्रु की संपत्ति, दुश्मन की संपत्ति, फर्क बस इतना है कि वो दुश्मन किसी व्यक्ति का नहीं मुल्क का है। 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। तो यहां से पाकिस्तान गए लोगों का बहुत कुछ पीछे छूट गया। घर-मकान, हवेलियां-कोठियां, जमीन-जवाहरात, कंपनियां आदि। इसके बाद इन सब पर सरकार का कब्जा हो गया।

ये भी पढ़ें:भूकंप से कांपा भारत: लगातार आ रहे जोरदार झटके, तबाही का ये बुरा संकेत

शत्रु संपत्ति एक और तरह की भी होती है। जब दो देशों में युद्ध छिड़ जाए तब भी सरकार अपने दुश्मन देश के नागरिकों की मुल्क में मौजूद प्रॉपर्टी एक तरह से जब्त कर लेती है। ताकि दुश्मन देश लड़ाई के दौरान उसका फायदा न उठा सके। विभाजन के समय जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी जो भूमि यहां थी, उसे निष्क्रांत श्रेणी में रखा गया था। यह भूमि केवल उन्हीं लोगों को आवंटित की जा सकती थी, जो विभाजन के समय पाकिस्तान से वहां अपनी संपत्ति छोड़कर यहां आए थे।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story