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सोनभद्र कांड पर सीएम योगी ने लिया बड़ा एक्शन, डीएम और एसपी को हटाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र मामले में रेणुका कुमार की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए बड़ा एक्शन लिया है। सीएम ने सोनभद्र के डीएम अंकित अग्रवाल को हटा दिया है।
लखनऊ/सोनभद्र: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र मामले में रेणुका कुमार की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए बड़ा एक्शन लिया है। सीएम ने सोनभद्र के डीएम अंकित अग्रवाल को हटा दिया है।
एस राम लिंगम सोनभद्र के डीएम बनाए गए। वहीं एसपी सोनभद्र सलमान ताज पाटिल हटाए गए। प्रभाकर चौधरी को नया एसपी बनाया गया है।
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दोषी अफसरों- कर्मचारियों पर दर्ज होगी एफआईआर
इस मामले में सभी दोषी अफसरों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। सभी मुकदमों की विवेचना के लिये एसआईटी का गठन भी किया गया है। डीआईजी जे रवींद्र गौड़ एसआईटी के मुखिया बनाए गए है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सोनभद्र नरसंहार पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सोनभद्र का विवाद कांग्रेस के समय में शुरू हुआ था। 1955 में जमीन की हेराफेरी की गई थी।
सोनभद्र कांड में सपा और कांग्रेस के नेता शामिल: सीएम योगी
हमने सोनभद्र की स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच करवाई। मामले में सपा व कांग्रेस के नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित की गई है। जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।
इसके पहले, सोनभद्र में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी।
समिति ने इस मामले में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की है। साथ ही विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की विस्तृत जांच या अन्य उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव गृह को दे दिया है। रिपोर्ट में सोनभद्र में जमीन हड़पने का पूरा खेल सरकारी तंत्र व प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत का नतीजा बताया गया है।
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क्या है सोनभद्र कांड
सोनभद्र के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए बीते 17 जुलाई को 10 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग चार करोड़ रुपए की कीमत की 112 बीघा जमीन के लिए ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था।
इन ट्रैक्टरों पर लगभग 60 से 70 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया।
जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी। जिसमें मौके पर ही सात लोग की मौत हो गई। बाकी तीन ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया था।
इस मामले में 26 आरोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायालय में पहली पेशी के लिए लाया गया। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सभी आरोपितों की कोर्ट में हाजिरी हुई।
उसके बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में वापस जिला जेल पहुंचा दिया गया। आरोपितों की अगली पेशी 13 अगस्त को होगी।
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