×

अब जेल जाएंगे अफसर अगर किया ये काम, सीएम योगी ने दी चेतावनी

यूपी आज कल तबादला एक्सप्रेस चल रही है, जिस पर सीएम योगी ने अपनी निगाह टेढ़ी कर रखी है। तबादलों को धंधा बनाने वालों के उपर मुख्यमंत्री कार्यालय की नज़र है।

Roshni Khan
Published on: 11 Aug 2019 3:58 AM
अब जेल जाएंगे अफसर अगर किया ये काम, सीएम योगी ने दी चेतावनी
X

लखनऊ: यूपी आज कल तबादला एक्सप्रेस चल रही है, जिस पर सीएम योगी ने अपनी निगाह टेढ़ी कर रखी है। तबादलों को धंधा बनाने वालों के उपर मुख्यमंत्री कार्यालय की नज़र है। कुछ दिनों पहले हुए तबादलों को सीएम योगी ने रद्द कर दिए थे। इसके अलावा योगी ने कई मंत्रियों के विभाग में फेरबदल के इतर अन्य कार्यों की भी स्क्रूटनी शुरू कर दी है।

ये भी देखें:पेड़ काटने से रोई बच्ची तो सीएम ने बना दिया ग्रीन एंबेसडर, वीडियो वायरल

300 से अधिक तबादले निरस्त किये गए थे

सीएम के निर्देश पर गुरुवार 8 अगस्त को स्टांप और पंजीयन विभाग के 300 से अधिक तबादले निरस्त कर दिए गए थे।

समूह ख और ग के जो तबादले आईजी के स्तर से किए जाते हैं, वे भी शासन स्तर और विभागीय मंत्री नंद गोपाल नंदी की सहमति से किए गए थे।

इसके बाद भी बड़े पैमाने पर अनियमितता और नियम विरुद्ध तबादलों की शिकायतें थीं।

इसे विचाराधिकार में लेते हुए सीएम ने तबादले निरस्त किए। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के विभाग में भी तबादलों पर शिकंजा कसा गया है।

यहां पहले पैरामेडिकल स्टाफ के बड़े पैमाने पर किए गए तबादले निरस्त किए गए थे। बाद में सीएमओ और सीएमएस स्तर के अधिकारियों का तबादला रोका गया था।

धर्मपाल सिंह के सिंचाई विभाग में एई और दूसरे इंजीनियरों के भारी-भरकम तबादलों को भी भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सीएम कार्यालय ने रोक दिया था।

ये भी देखें:ड्रामा खत्म! घर वापस आया कांग्रेस अध्यक्ष पद

बेसिक शिक्षा अधिकारी के तबादलों को भी सीएम ने निरस्त किया

बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के तबादलों को भी मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रोक दिया गया था।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि कुछ मंत्री तबादलों के चक्कर में सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं।

ऐसे में अब सीएम हर विभाग के तबादले से लेकर हर छोटे-बड़े कार्यों में अपनी बराबर दखल रखेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की शिकायत के बाद सीएम की ओर से कराई गई जांच में बहुत सारे तथ्य सामने आए हैं।

योगी सरकार ने तबादलों के लिए 30 जून का समय निर्धारित किया था, लेकिन अधिकतर तबादले 2 से लेकर 10 जुलाई के बीच में किए गए।

इस पर सीएम से अनुमोदन लेना चाहिए था, जो नहीं लिया गया। उन्हें सीधे शासन स्तर से आदेश जारी करा दिया गया।

ये भी देखें:पी. चिदंबरम ने सोनिया गांधी का नाम कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के लिए किया था प्रस्तावित

गोरखपुर में फूटा भांडा

जानकारी के अनुसार, तबादलों की अव्यवस्था का भांडा गोरखपुर में फूटा, जहां पर बाबूओं का ट्रान्सफर पश्चिमी जिलों में कर दिया गया था। इन लोगों ने पिछले दिनों सीएम से गोरखपुर में इस बात की शिकायत भी की थी।

ऐसी शिकायतें बड़े पैमाने पर मिलने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हुआ तो पता चला कि ऐसे कई विभाग हैं, जिनमें इस तरह की अव्यवस्था बरती गई है।

यही वजह है की शुक्रवार को प्रयागराज में वृक्षकुंभ के आयोजन में स्टांप रजिस्ट्रेशन मंत्री नंद गोपाल नंदी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ नजर नहीं आए।

यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। अपने ही शहर में, सीएम योगी की मौजूदगी में होने वाले आयोजन से दोनों कैबिनेट मंत्रियों के गायब रहने पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।

ये भी देखें:ओडिशा: स्वतंत्रता सेनानी दयानिधि नायक का 95 वर्ष की आयु में बरगढ़ में निधन

इस मामले पर बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन का कहना है कि,‘भ्रष्टाचार के मुद्दे पर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।

भ्रष्टाचार का कहीं कोई मुद्दा आएगा तो सरकार उस पर कठोर कार्रवाई करेगी।

अगर कहीं भी कोई गड़बड़ी मिलेगी तो कार्रवाई होगी। सरकार इस मुद्दे पर किसी को छोड़ने वाली नहीं है। तबादला आज यूपी में उद्योग की तरह नहीं विकसित हो पर रहा है, क्योंकि यहां पर योगी और बीजेपी की सख्त सरकार है।’

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!