लंबी लिस्ट है जजों के खिलाफ शिकायतों की, कोरोना काल में भी नहीं रुका सिलसिला

भारत के संविधान व्यवस्था में अदालतों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए दिए गए असीमित अधिकारों में शिकायतों के निपटारे की ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत केंद्र सरकार या किसी अन्य संस्था को यह कभी नहीं पता ही नहीं चलता है

Newstrack
Published on: 22 Aug 2020 9:20 AM GMT
लंबी लिस्ट है जजों के खिलाफ शिकायतों की, कोरोना काल में भी नहीं रुका सिलसिला
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लंभी लिस्ट है जजों के खिलाफ शिकायतों की, कोरोना काल में भी नहीं रुका सिलसिला

लखनऊ: भारत के संविधान व्यवस्था में अदालतों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए दिए गए असीमित अधिकारों में शिकायतों के निपटारे की ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत केंद्र सरकार या किसी अन्य संस्था को यह कभी नहीं पता ही नहीं चलता है कि न्यायाधीशों के खिलाफ मिली शिकायतों का क्या हुआ। पिछले ढाई साल के दौरान देश में न्यायाधीशों के खिलाफ 534 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कोरोना काल में भी 34 शिकायतें मिली हैं।

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लंभी लिस्ट है जजों के खिलाफ शिकायतों की, कोरोना काल में भी नहीं रुका सिलसिला

आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने जानकारी मांगी थी

लखनऊ निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय से इस बारे में सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। उन्होंने सरकार से 2010 से लेकर अब तक न्यायाधीशों के खिलाफ मिली शिकायतों के बारे में पूछा था लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उन्हें बताया गया कि 2010 से लेकर 2017 तक मिली शिकायतों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। दो हजार अट्ठारह से लेकर 2020 तक जो शिकायतें सरकार को प्राप्त हुई हैं उनका ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है।

डॉ नूतन ठाकुर ने बताया

डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि उन्हें मिली सूचना के अनुसार 2018 से 2020 के अब तक पिछले 2।5 वर्ष में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जजों के खिलाफ भारत सरकार को कुल 534 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें 122 शिकायतें सुप्रीम कोर्ट जजों तथा 412 शिकायतें विभिन्न हाई कोर्ट जजों के खिलाफ थीं।सुप्रीम कोर्ट जजों के खिलाफ की गयी शिकायतों में 52 शिकायतें ऑनलाइन तथा 70 शिकायतें ऑफलाइन भेजी गयीं। हाई कोर्ट जजों के खिलाफ 164 शिकायतें ऑनलाइन तथा 248 शिकायतें ऑफलाइन भेजी गयी थीं।

सुप्रीम कोर्ट जजों के खिलाफ शिकायतें मिली

सुप्रीम कोर्ट जजों के खिलाफ वर्ष 2018 में 62, 2019 में 53 तथा इस वर्ष अब तक 06 शिकायतें मिली हैं। हाई कोर्ट जजों के खिलाफ वर्ष 2018 में 204, 2019 में 180 तथा इस वर्ष 28 शिकायतें मिली हैं। इस तरह 2020 में भी कुल 34 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से लंबे समय तक लॉकडाउन रहा और अदालतों का कामकाज प्रभावित चल रहा है।

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आरटीआई से मिली चौंकाने वाली जानकारी

डॉ नूतन ठाकुर को सूचना अधिकार के तहत जो जानकारी मुहैया कराई गई है उसके अनुसार न्यायालयों की स्वायत्तता बरकरार रखने के लिए सरकार अदालतों पर न्यूनतम नियंत्रण रखती है। सरकार को जो शिकायतें हैं किसी न्यायाधीश के खिलाफ प्राप्त होती हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट या संबंधित हाई कोर्ट को भेज दिया जाता है। शिकायतों का निस्तारण सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्तर पर ही किया जाता है । शिकायतों के मिलने के बाद न्यायालय की ओर से सरकार को यह जानकारी भी नहीं दी जाती है कि उन्होंने शिकायतों का क्या किया। सूचना के अनुसार ये शिकायतें कई पृष्ठों में होती हैं।

अखिलेश तिवारी

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