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यूपी में तबाही मचा रही बाढ़, कांग्रेस बोली- योगी सरकार की उदासीनता वजह
प्रदेश कांग्रेस ने भारी बारिश के चलते आयी बाढ़ से हुये नुकसान और प्रदेश सरकार पर बाढ़-रोकथाम के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुये कहा कि बारिश के चलते उत्तर प्रदेश की कई नदियों में जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस ने भारी बारिश के चलते आयी बाढ़ से हुये नुकसान और प्रदेश सरकार पर बाढ़-रोकथाम के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुये कहा कि बारिश के चलते उत्तर प्रदेश की कई नदियों में जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। कई तटबंध टूटने के कगार पर है तो सैकड़ो गांव जलमग्न हो गये है, हजारो एकड़ फसले बर्बाद हो गयी है तथा मवेशी संकट में है लेकिन सरकार ने अभी तक बाढ़ की रोकथाम के लिये कोई ठोस एक्शन प्लान नही बनाया। उन्होंने प्रदेश सरकार से त्वरित बाढ़ राहत पैकेज की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को बाढ़ से हुये नुकसान, प्रभावित क्षेत्रों और नष्ट हुई फसलों का मूल्यांकन कर पीड़ित जन-मानस के मुआवजे का प्रबंध करना चाहिये।
बाढ़ रोकथाम के प्रति उदासीन है यूपी सरकार: अजय कुमार लल्लू
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में 76 बंधे अति संवेदनशील हैं। बाढ़ स्थायी संचालन समिति की बैठक में 3000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सिंचाई विभाग ने रखा लेकिन योगी सरकार ने मात्र 1300 करोड़ रुपया की स्वीकृति किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की असंवेदनशील रैवये का परिणाम है कि पिछले तीन सालों में सबसे अधिक बंधे टूटे हैं। चरसरी, एपी बंधा कुशीनगर, बाराबंकी के बंधे टूटे हुए हैं।
सीएम योगी को बताया गैर-जिम्मेदारा
लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गैर-जिम्मेदार बताते हुये कहा कि इस संकट की घड़ी में जहां बाढ़-परियोजनाओं के लिये धन आवंटित करने की जरूरत है, बाढ़-ग्रस्त इलाको में बाढ़-चैकियां बनाने की जरूरत है, बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत पैकेज देने की जरूरत है वही प्रदेश सरकार द्वारा नदियों की पूजा कर बाढ़ रोकने का तरीका हास्यास्पद है, मुख्यमंत्री स्वांग रच रहे है। नदियां मां के समान है लेकिन बाढ़ की रोकथाम न करना जिम्मेदारियों से भागना है।
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पिछले साल बाढ़ से सैकड़ो मौते हुई, अब तक पीड़ित परिवारों को नही मिला मुआवजा
उन्होंने कहा कि पिछले साल बाढ़ से सैकड़ो मौते हुई थी, अभी तक सभी पीड़ित परिवारों को मुआवजा नही मिल पाया। बाढ़-राहत कोष मंत्रालय और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर बंदरबाट किया गया। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताते हुये कहा कि बाढ़ की विभीषका को गंभीरता से ले तथा बाढ़-रोकथाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना के कहर के बीच बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। लगातार बारिश होने से पूरा प्रदेश बाढ़ की चपेट में है। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
यूपी के ये जिले हुए जलमग्न
गोरखपुर, बस्ती, महराजगंज, कुशीनगर, बहराइच, गोण्डा, बाराबंकी, बनारस व फैजाबाद जिलों के सैकड़ो गांव जलमग्न हो गये है। किसानों की हजारो एकड़ की फसले बर्बाद हो गयी है। मवेशियों को चारा का संकट है। बाढ़ में फंसे लोगो के लिये आवागमन की कोई सुविधा नही मिल पायी है। पीड़ित परिवार भोजन की समस्या से जूझ रहे है।
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कांग्रेस ने की बाढ़ नियंत्रण के लिये ठोस एक्शन प्लान-राहत पैकेज की मांग
सरकार ने अभी तक कही भी खाद्यान्न वितरित नही किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बूढ़ी गंडक, मवने नाले, घाघरा, सरयू तथा राप्ती नदी में बने कई तटबंध पहले से ही जर्जर अवस्था मे है। बाढ़ का संकट बढ़ने से बाराबंकी में सरसवां तटबंध, कुशीनगर का अमवा खास सहित कई तटबंध टूटने के कगार पर है। उन्होंने अपनी विधानसभा तमकुहीराज के जर्जर तटबंधों की मरम्मत के लिये विधानसभा में मांग उठायी लेकिन सरकार ने अभी तक सुध नही ली।
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