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कोरोना: जिले में 290 क्लीनिक व निजी नर्सिंगहोम चल रहे, लेकिन मददगार नहीं

लेकिन जरूरतमंदों की मदद करने के लिए निजी नर्सिंगहोम आगे नहीं आए हैं। कोई भी ऐसा प्राइवेट अस्पताल संचालक नहीं दिखा जो संवेदनशील हो, जबकि किसी न किसी रूप में मदद कर सकते हैं।

Ashiki
Published on: 29 April 2020 5:25 PM GMT
कोरोना: जिले में 290 क्लीनिक व निजी नर्सिंगहोम चल रहे, लेकिन मददगार नहीं
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कन्नौज: पूरा देश इन दिनों वैश्विक महामारी से गुजर रहा है, जिसके लिए जरूरतमंदों की मदद और सामुदायिक रसोईघर में सरकारी कर्मचारी, प्रधान, जनप्रतिनिधि, एनजीओ, समाजसेवी संस्थाओं समेत कई लोग किसी न किसी रूप में मदद कर रहें। तो दूसरी ओर मरीजों के इलाज में भारीभरकम बिल बनाकर रुपए लेने वालों ने मुंह फेर लिया है। अब तक किसी भी नर्सिंगहोम या प्राइवेट अस्पताल की ओर से मदद नही की गई है।

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कोरोना संक्रमण की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन को 37 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन जरूरतमंदों की मदद करने के लिए निजी नर्सिंगहोम आगे नहीं आए हैं। कोई भी ऐसा प्राइवेट अस्पताल संचालक नहीं दिखा जो संवेदनशील हो, जबकि किसी न किसी रूप में मदद कर सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यूपी के जनपद कन्नौज में 36 निजी नर्सिंगहोम चल रहे हैं। इसमें 30 प्रसव वाले अस्पताल भी शामिल हैं। इसके अलावा 254 निजी क्लीनिक चल रहे हैं, जिनके पंजीकरण हैं। शुरुआती दौर में सामुदायिक रसोईघर में समाज से कई वर्गों ने खूब सहयोग किया। आटा, दाल, आलू, चावल, रिफाइंड आदि खाद्य सामग्री दी। कई लोगों ने जिलाधिकारी कन्नौज, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में चेक व ऑनलाइन पेमेन्ट से भी सहयोग किया।

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इसमें कुछ सरकारी कर्मचारी रिटायर होने के बाद पेंशन पाने वाले भी शामिल हैं। समाजसेवी, निजी स्कूल संचालक, जनप्रतिनिधि व सरकारी कर्मियों ने भी मदद की, लेकिन निजी नर्सिंगहोम ने किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया। लोगों का कहना है कि इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले निजी हॉस्पिटल की ओर से वैश्विक मदद में हाथ बांधे रखना संवेदनहीनता का परिचायक है।

क्या कहते हैं अधिकारी

एसडीएम सदर शैलेष कुमार ने बताया कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई निजी अस्पताल नहीं आया है, जिसने किसी प्रकार की मदद की हो। वहीं सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि जिले के किसी भी नर्सिंगहोम या निजी डॉक्टर ने कोरोना महामारी में मदद नहीं की है।

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

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