अब फ्री में खाएं मुर्गा: गरीबों के लिए वरदान बनी ये महामारी, पढ़ें पूरी खबर

सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे कोरोना वायरस के अफवाहों का असर सबसे ज्यादा पोल्ट्री इंडस्ट्री पर पड़ा है। इससे पिछले एक महीने में पोल्ट्री इंडस्ट्री का लाखों का नुकसान हुआ है।

SK Gautam
Published on: 17 March 2020 9:33 AM GMT
अब फ्री में खाएं मुर्गा: गरीबों के लिए वरदान बनी ये महामारी, पढ़ें पूरी खबर
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हमीरपुर: कोरोना की दहशत के चलते पोल्ट्री व्यवसाय गर्त में चला गया है और व्यवसायी बी पी एल राशन कार्ड धारकों को फ्री में मुर्गा दे कर लोगों को हैरत में डाल रहे हैं और आम लोगों को सिर्फ 20 रुपया किलो चिकन बेचा जा रहा है । फ्री में मुर्गा मिलने की जानकारी के लिए भी दुकानों में पोस्टर भी लग गया है। पोस्टर को दिखाकर लोगों को आकर्षित किया जा रहा है।

फ्री में मुर्गा खाने का अपना शौक पूरा कर रहे हैं लोग

इस चिकन की दुकान में लगा यह पोस्टर आप देख सकते हैं- जिसमें साफ लिखा है कि गरीबी रेखा के नीचे वाले बी पी एल राशन कार्ड धारकों को आधार कार्ड दिखाने पर फ्री में मुर्गा दिया जाएगा । इस फ्री ऑफर को पाकर मुर्गे की दुकान पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोग सस्ता मुर्गा लेकर मुर्गा खाने का अपना शौक पूरा करते देखे जा रहे है ।

कोरोना के कारण लोगों ने मुर्गा खाना बंद कर दिया है

एक मुर्गा दुकानदार सलीम से बात करने पर उन्होंने बताया कि ज़िले में बड़ी आबादी वाले राठ कस्बे में कोरोना की मार से मुर्गा व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प हो गया है । आम लोगों ने मुर्गा खाना बंद कर दिया है जिससे परेशान मुर्गा व्यवसायियों ने गरीबों के लिए फ्री मुर्गा और बाकी लोगों को 20 रूपये किलो मुर्गा बेच कर अपना मुर्गे का स्टॉक खत्म करना शुरू कर दिया है।

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इस आफर को देखकर यही लग लगता है कि फ्री ऑफर मिलने के कारण मुर्गा खरीद कर खाने में गरीब लोगों की लॉटरी ही खुल गयी है और कोरोना उनके लिये वरदान बन गया है।

अब बात करते हैं सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों के बारे में

सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे कोरोना वायरस के अफवाहों का असर सबसे ज्यादा पोल्ट्री इंडस्ट्री पर पड़ा है। इससे पिछले एक महीने में पोल्ट्री इंडस्ट्री का लाखों का नुकसान हुआ है।

कोरोना वायरस के कारण पोल्ट्री व्यवसाय अफवाहों का शिकार हो रहा है और नुकसान उठा रहा है। जबकि लोगों को इस बारे में जागरुक भी किया जा रहा है। बाजार न मिलने से मजबूरी में सस्ते में बेचना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में तो 40 प्रतिशत फार्म पहले से ही बंद हो चुके हैं। अगर ऐसा ही रहा तो सभी को बंद करना पड़ेगा।"

उत्तर प्रदेश पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष अली अकबर कहते हैं-

पांच हजार से ज्यादा पोल्ट्री कारोबारियों के संगठन उत्तर प्रदेश पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष अली अकबर कहते हैं। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन (एआईपीबीए) दो मार्च को सरकार से राहत पैकेज की मांग करते हुए दावा किया कि इस क्षेत्र में एक महीने में लगभग 1,750 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।

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चिकन की मांग में गिरावट के कारण पोल्ट्री बर्ड की कीमतें 10-30 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गई हैं, जबकि उत्पादन की औसत लागत 80 रुपये प्रति किलोग्राम है। भारतीय पोल्ट्री उपकरण निर्माता संघ (आईपीईएमए) के अध्यक्ष चंद्रशेखर राव बताते हैं, "अफवाहों के चलते पोल्ट्री से जुड़े लाखों लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, चिकन की बिक्री में 30-35 प्रतिशत तक कमी आ गई है। अगर ऐसा ही रहा तो आगे और भी नुकसान होगा।"

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