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नरकंकाल क्लासरुम में: देख दहल उठा वाराणसी, कोरोनाकाल में बना था ये शेल्टर होम

कोरोनाकाल के दौरान जेपी मेहता इंटर कॉलेज को शेल्टर होम में तब्दील किया गया था. कॉलेज में बड़ी संख्या में राहगीरों ने शरण ली थी. इनमें से अधिकांश अर्धविक्षप्त और भिखारी थे. बीच बुधवार को स्कूल खुलने पर सफाई का काम शुरु किया गया.

Vidushi Mishra
Published on: 10 Feb 2021 5:48 PM IST
नरकंकाल क्लासरुम में: देख दहल उठा वाराणसी, कोरोनाकाल में बना था ये शेल्टर होम
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कोरोनाकाल के बाद जब स्कूलों के खुलने का सिलसिला जारी है. इस बीच वाराणसी के जेपी मेहता इंटर कॉलेज में एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है।

वाराणसी. कोरोनाकाल के बाद जब स्कूलों के खुलने का सिलसिला जारी है. इस बीच वाराणसी के जेपी मेहता इंटर कॉलेज में एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. बुधवार को क्लासरुम की सफाई के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बेंच के नीचे नरकंकाल मिला. फिलहाल पुलिस मामले की जांच जुट गई है. मृतक महिला है या पुरुष अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.

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कोरोनाकाल में बनाया गया था शेल्टर होम

कोरोनाकाल के दौरान जेपी मेहता इंटर कॉलेज को शेल्टर होम में तब्दील किया गया था. कॉलेज में बड़ी संख्या में राहगीरों ने शरण ली थी. इनमें से अधिकांश अर्धविक्षप्त और भिखारी थे. बीच बुधवार को स्कूल खुलने पर सफाई का काम शुरु किया गया. तभी एक क्लासरुम में नरकंकाल देख छात्रों में हड़कंप मच गया.

आनन फानन में पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक कैंट राकेश कुमार सिंह ने आला अधिकारियों को सूचित करते हुए फारेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया। कैंट थाना प्रभारी के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और आवश्यकता पड़ने पर डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा। फिलहाल फॉरेंसिक टीम के द्वारा मौके की जांच की जा रही है।

nar kankal फोटो-सोशल मीडिया

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नगर निगम के अधीन है कॉलेज

वरुण किनारे स्थित जेपी मेहता इंटर कॉलेज नगर निगम के अधीन है. विद्यालय प्रबंधन ने आशंका जतायी है कि कोरोना काल में इस विद्यालय को शेल्टर होम बनाया गया था. संभवत: उसी दौरान शख्स की मौत हुई हो. कालेज के प्रिंसिपल डॉ एनके सिंह के अनुसार कोरोनाकाल के दौरान कॉलेज परिसर में काफी घास और झाड़ियां उग गई थी.

इस दौरान विद्यालय के एक क्लास रूम जिसकी सफाई चल रही थी तभी अंदर नर कंकाल की सूचना कर्मचारियों ने दी. माना जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे यहां रखे गए बेघर एक-एक कर कहीं चले गए। बीमारी की हालत में कोई महिला या पुरुष क्लास में रह गया। कमरा बंद करने वाले ने ध्यान नहीं दिया और बीमारी की हालत में सोये सोये ही क्लास में उसकी मौत हो गई.

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रिपोर्ट- आशुतोष सिंह



Vidushi Mishra

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