×

कोरोना से जंग: CM योगी ने दिए ये निर्देश, कहा- गाइडलाइंस का पूरी तरह हो पालन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार संक्रमण रोकथाम एवं बचाव सम्बन्धी गाइडलाइन्स (आईपीसी प्रोटोकाॅल) का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 9 May 2020 6:41 PM GMT
कोरोना से जंग: CM योगी ने दिए ये निर्देश, कहा- गाइडलाइंस का पूरी तरह हो पालन
X

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार संक्रमण रोकथाम एवं बचाव सम्बन्धी गाइडलाइन्स (आईपीसी प्रोटोकाॅल) का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी मेडिकल काॅलेजों में पीपीई किट एवं एन-95 मास्क की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।

सीएम योगी ने यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों तथा चिकित्सा संस्थानों के निदेशकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षमता का आंकलन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया जाता है। इसलिए कोविड-19 के आपदा काल में बेहतर से बेहतर कार्य करना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय एवं संवाद के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने संस्थानों के प्रमुखों को आश्वस्त किया कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रदेश सरकार हर प्रकार से सहयोग प्रदान करेगी।

यह भी पढ़ें...फिर से कोरोना अटैकः तीन दिन की राहत के बाद मिले 4 नए संक्रमित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल काॅलेजों में वेंटीलेटर एवं अन्य उपकरण क्रियाशील रहें। जहां वेंटीलेटर कार्य कर रहे हैं, वहां पर वेंटीलेटर संचालन हेतु आॅक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं टेक्नीशियन को समुचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है। किसी की भी लापरवाही से अस्पताल में मेडिकल इंफेक्शन फैलने की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। वाॅर्डों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती हो रहे कोविड-19 संक्रमित मरीजों की देखभाल एवं उपचार प्रोटोकाॅल के मुताबिक तैनात चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से किया जाए। वरिष्ठ चिकित्सकों एवं अधीक्षक द्वारा स्वयं वाॅर्ड का भ्रमण किया जाए। ऐसे मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल, जहां कोविड-19 के अतिरिक्त नाॅन कोवि-19 मरीज हेतु इमरजेंसी सर्विसेज एवं उपचार दिया जा रहा है, वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड-19 एवं नाॅन कोविड ब्लाॅक पूर्णतः अलग रहें। उनके शौचालय, लाॅण्ड्री एवं अन्य व्यवस्थाएं भी अलग-अलग होनी चाहिए एवं उनकी साफ-सफाई का पूर्ण ध्यान रखा जाए। चिकित्सा हेतु एक्टिव एवं पैसिव क्वारंटीन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारंटीन के सम्बन्ध में मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में समान तरह की गाइडलाइन्स को अमल में लाया जाए।

यह भी पढ़ें...डॉक्टर सुसाइड मामला: केजरीवाल की पार्टी के दो विधायक गिरफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक दशा में यह प्रयास किया जाए कि कोरोना के कारण किसी मरीज की मौत न हो। यदि किसी कोरोना मरीज की मृत्यु होती है, तो उसके शव की देखभाल एवं अन्य प्रक्रिया के विषय में निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार सावधानी बरती जाए। कोरोना से संक्रमित किसी भी मृत्यु की दशा में डेथ आॅडिट अवश्य कराया जाए। सीएम योगी ने कहा कि बांदा, सहारनपुर, आजमगढ़, बस्ती एवं अयोध्या में स्थापित मेडिकल काॅलेजों में भी लेवल-3 स्तर के उपचार एवं सुविधाओं हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

सीएम ने कहा कि कोविड-19 तथा नाॅन-कोविड अस्पतालों में किसी भी दशा में मेडिकल इंफेक्शन नहीं होना चाहिए। इसलिए मेडिकल काॅलेजों में निर्धारित प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन किया जाए। संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध करते हुए इमरजेंसी सेवाओं को बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों के लिए अपनी सेवा के द्वारा समाज और रोगियों का दिल जीतने का यह एक अवसर है, इसलिए संवेदनशीलता के साथ मरीजों की सेवा व देखभाल होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें...वन्दे भारत मिशन के तहत 182 भारतीयों को लेकर शारजाह से लखनऊ पहुंची फ़्लाइट

डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मियों के प्रशिक्षण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिक से अधिक टेªनिंग कराई जाए। नर्स, वाॅर्ड ब्वाय, टेक्नीशियन सहित सभी पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए। अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। साफ-सफाई एवं रोगियों को उपलब्ध कराए जाने वाले पौष्टिक आहार के सम्बन्ध में किसी प्रकार की शिकायत नहीं होनी चाहिए।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story