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कोरोना संकट: बच्चों के भविष्य पर बड़ा फैसला, ग्रामीणों को ऐसे कर रहे जागरूक
कुरारा ब्लाक के डामर गांव में जिला समन्वयक अशोक कुमार विद्यार्थी व सहायक जिला समन्वयक (एडीसी) इमरान अली ने विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) सदस्य व ग्रामीणों के साथ बैठक की।
हमीरपुर: बच्चों की सुरक्षा के साथ अभिभावकों को अब बच्चों की पढ़ाई की भी चिंता हो रही है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई पटरी पर कैसे लाई जाए, यह एक बड़ा सवाल है। बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर प्रदेश के 20 जनपदों में काम कर रही संस्था एक्शन एड ने जनपद के 25 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का बेसलाइन सर्वे कराया गया। इन विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में स्थापित करने और प्रवासी मजदूरों के बच्चों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराकर स्कूलों से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है।
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जिला समन्वयक ने कही ये बात
कुरारा ब्लाक के डामर गांव में जिला समन्वयक अशोक कुमार विद्यार्थी व सहायक जिला समन्वयक (एडीसी) इमरान अली ने विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) सदस्य व ग्रामीणों के साथ बैठक की। जिला समन्वयक ने कहा कि शिक्षा से बच्चे अपने अधिकार व कर्तव्यों को अच्छे से समझ सकेंगे। अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होंगे। एक्शन एड शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रही है।
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एडीसी ने ग्रामीणों को कोविड-19 के बारे में बताया
एडीसी इमरान अली ने ग्रामीणों को कोविड-19 के बारे में बताया। कहा कि इस महामारी से अपने व अपने परिवार को बचाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गाइडलाइन जारी की है। सामाजिक दूरी बनाकर, मास्क से नाक व मुंह अच्छी तरह ढककर और साबुन से बार-बार हाथों को अच्छी तरह धुल कर इस वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। एसएमसी सदस्यों से स्कूलों के प्रबंधन में सहयोग, अधिक से अधिक प्रवेश और स्कूल खुलने के बाद बच्चों को नियमित भेजने का अनुरोध किया।
रिपोर्टर- रविंद्र सिंह, हमीरपुर
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