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Sonbhadra News: तीन सगे भाइयों को 10-10 वर्ष की कैद, मवेशियों के छप्पर में लगाई थी आग, 2015 की घटना में आया फैसला
Sonbhadra News: 21/22 फरवरी 2015 की रात को पड़ोस के रहने वाले रामनिहोर यादव, महेंद्र यादव, गम्मू यादव और प्रदीप यादव ने मवेशियों के लिए बने छप्पर में आग लगा दी, जिस वक्त आग लगाई गई सभी मवेशी छप्पर में ही बंधे हुए थे।
Sonbhadra News: आधी रात मवेशियों के छप्पर में आग लगाने और इसके चलते एक मवेशी की मौत और 11 मवेशियों के गंभीर रूप से झुलसने के मामले में अदालत ने तीन सगे भाइयों को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। फरवरी 2015 का यह घटनाक्रम ओबरा थाना क्षेत्र के पनारी ग्राम पंचायत के करसार टोले का है। सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और अधिवक्ताओं की दलीलों तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी तीनों सगे भाई रामनिहोर यादव, महेंद्र यादव और गम्मू यादव को 10- 10 वर्ष की कैद तथा 12-12 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
पड़ोस में रहने वाले सगे भाइयों ने ही लगाई थी आग-
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के पनारी टोला करमसार गांव निवासी रामसूरत यादव पुत्र रामजग यादव ने ओबरा थाने पहुंचकर एक तहरीर दी। पुलिस को अवगत कराया कि 21/22 फरवरी 2015 की रात साढ़े 12 बजे पड़ोस के रहने वाले रामनिहोर यादव, महेंद्र यादव, गम्मू यादव और प्रदीप यादव ने मवेशियों के लिए बने छप्पर में आग लगा दी, जिस वक्त आग लगाई गई सभी मवेशी छप्पर में ही बंधे हुए थे। इसके चलते एक भैंस की जलकर मौत हो गई जबकि 11 भैंस और एक बैल गंभीर रूप से झुलस गया।
एक आरोपी को नाबालिग पाए जाने पर किशोर न्याय बोर्ड भेजी गई फाइल
मामले में 22 फरवरी को एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में नाबालिग प्रदीप यादव की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड प्रेषित कर दी गई। शेष तीन आरोपियों के मामले की सुनवाई अदालत ने जारी रखी। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद, मिले साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर तीनों पर दोषसिद्ध पाया गया। इसके आधार पर दोषी तीन सगे भाइयों रामनिहोर यादव, महेंद्र यादव व गम्मू यादव को 10-10 वर्ष की कैद और 12-12 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का भी निर्णय पारित किया गया। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने मामले की पैरवी की।