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दलित द्वारा पैर न छूने पर दबंगों ने जमकर पीटा, पीड़ितों ने दी पलायन की धमकी
तीन दिन पहले जब पीड़ित थाने पर तहरीर देकर आए तब भी पुलिस ने कोई कार्यवाई नही की। उसके बाद बेखौफ दबंगों ने दलित परिवारों को धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नही पीड़ित परिवारों ने पुलिस पर भी घर मे घुसकर गांव मे न रहने की धमकी देने का आरोप लगाया है। और समझौता न करने पर गांव छोड़ देने की धमकी दी। पीड़ित परिवार अब गांव से पलायन करने की बात कर रहे है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कर रही है।
शाहजहांपुर: होली के दिन दलित युवक अपने घर के बाहर बैठे थे। तभी गांव के रहने वाले दबंग लोग शराब के नशे मे आए और दलितों से पैर छूने के लिए दबाव बनाने लगे। दलितों के विरोध करने पर दबगों ने दलितों को जमकर पीटा। जब पीड़ित परिवार थाने गए तो वहां से उन्हे भगा दिया।
तीन दिन पहले जब पीड़ित थाने पर तहरीर देकर आए तब भी पुलिस ने कोई कार्यवाई नही की। उसके बाद बेखौफ दबंगों ने दलित परिवारों को धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नही पीड़ित परिवारों ने पुलिस पर भी घर मे घुसकर गांव मे न रहने की धमकी देने का आरोप लगाया है। और समझौता न करने पर गांव छोड़ देने की धमकी दी। पीड़ित परिवार अब गांव से पलायन करने की बात कर रहे है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कर रही है।
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यह घटना थाना क्षेत्र मिर्जापुर के दीघापुर सिठौली गांव की है। यहां के रहने वाले दलित रामनिवास ने पुलिस को दी तहरीर मे बताया कि होली के दिन रात करीब 9 बजे वह घर के बाहर बैठे थे। गांव में सिर्फ चार घर परिवार दलित परिवार के है। गांव के ही रहने वाले सवर्ण जाति के दबंग हरिराम, सुनील, धर्मेंद्र समेत एक दर्जन लोग उनके घर के पास आ गए। सभी लोग शराब के नशे मे थे। सभी दलित परिवारों पर पैर छूने का दबाव बनाने लगे। जिसका दलितों ने विरोध किया।
आरोप है कि विरोध करने के बाद दबंगो ने उन्हे जातिसूचक गालियां दी। उसके बाद जब वह थाने गए तो पुलिस ने उनकी एक नही सुनी। कार्यवाई न होने से दबगों के हौसले बुलंद हो गए और वह गांव से भगाने की धमकी देने लगे। उनका साथ थाने के एसआई महिपाल सिंह भी दे रहे हैं।
पीड़ित रामनिवास ने बताया कि जब वह बीते 23 मार्च को थाने पर दबगों के खिलाफ लिखित शिकायत देकर आया। तब भी पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं की। दलितों द्वारा कार्यवाई की खबर दबगों को लग गई। आरोप है कि उसके बाद बीते सोमवार की रात फिर दबंग घर मे घुस आए और गांव छोड़ने के लिए दबाव बनाने लगे। तब दबंगों के साथ थाने के एसआई महिपाल सिंह भी आए थे। एसआई भी समझौता करने का दबाव बनाने लगे। जब समझौता करने से इंकार कर दिया तो एसआई ने दलित परिवारों को गांव से बहार निकालने की धमकी दे डाली। जिससे घबराए पीड़ित परिवारों ने सीओ से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस ने जांच की बात की है।
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पीड़ित परिवार की महिलाओं के मुताबिक सोमवार की रात एसआई महिपाल सिंह ने समझौता का दबाव बनाया। जब महिलाओं ने मना किया तो वह हाथ पकड़कर अभद्रता करने लगे और जातिसूचक गालियाँ देने लगे। पीड़ित परिवारों का कहना है कि हमे न्याय की उम्मीद पुलिस से है। लेकिन आरोप भी पुलिस पर है। इसलिए उम्मीद नही है कि पुलिस हमे न्याय देगी। इसलिए वह गांव से पलायन कर देंगे।
इस मामले पर सीओ भ्रमपाल सिंह का कहना है कि होली के दिन गांव में इन लोगों का, गांव के ही रहने वाले कुछ लोगों से विवाद की बात सामने आई है। जिसकी जांच के आदेश दिए गए है। अगर पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगा है तो उसमे भी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद कार्यवाई की जाएगी।