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बदमाशों की गोली से जख्मी दरोगा दुर्ग विजय सिंह की मौत

पुलिस उपनिरीक्षक दुर्ग विजय सिंह मूलरुप से मऊ जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र के दतौली गांव के निवासी थे। दो भाइयों में बड़े दुर्ग विजय सिंह की तीन बेटियां रूबी सिंह, ब्यूटी सिंह और रागिनी सिंह और बेटा पवन सिंह है। दुर्ग विजय सिंह की नौकरी ही परिवार के पालन पोषण का एकमात्र सहारा था। मौत से पूरा परिवार शोक में डूब गया है।

SK Gautam
Published on: 9 July 2019 9:58 PM IST
बदमाशों की गोली से जख्मी दरोगा दुर्ग विजय सिंह की मौत
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लखनऊ : मीरजापुर जिला कारागार में बंद कुख्यात अपराधी रोहित उर्फ सांडू को मुजफरनगर पेशी पर ले जाते समय बदमाशों की गोली से जख्मी उपनिरीक्षक दुर्ग विजय सिंह की मंगलवार को दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत से परिजनों और पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ उठी।

जख्मी दरोगा को मेरठ स्थित मेडिकल कालेज में भर्ती में कराया गया था

मामले के अनुसार बीती दो जुलाई को उपनिरीक्षक दुर्ग विजय सिंह के साथ हेड कांस्टेबल अखिलेश राय, सुनील उपाध्याय व सुनील प्रजापति की अभिरक्षा में जिला कारागार में बंद मुजफ्फरनगर के कुख्यात अपराधी रोहित उर्फ सांडू को पेशी पर लेकर गए थे। पेशी पर ले जाते समय मुजफ्फरनगर स्थित एक होटल पर पहले से मौजूद बदमाश दरोगा दुर्ग विजय सिंह को गोली मारकर अपराधी रोहित को छुड़ा ले गए थे।

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जख्मी दरोगा को मेरठ स्थित मेडिकल कालेज में भर्ती में कराया गया था। यहां उपचार के बाद उन्हें दिल्ली एम्स भेज दिया गया था। जहां उनका उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान आज उन्होंने दम तोड़ दिया है।

पुलिस उपनिरीक्षक दुर्ग विजय सिंह मूलरुप से मऊ जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र के दतौली गांव के निवासी थे। दो भाइयों में बड़े दुर्ग विजय सिंह की तीन बेटियां रूबी सिंह, ब्यूटी सिंह और रागिनी सिंह और बेटा पवन सिंह है। दुर्ग विजय सिंह की नौकरी ही परिवार के पालन पोषण का एकमात्र सहारा था। मौत से पूरा परिवार शोक में डूब गया है।

एक महीने जौनपुर से मीरजापुर हुई थी तैनाती

दरोगा दुर्ग विजय सिंह की एक माह पहले ही जौनपुर से मीरजापुर तैनाती हुयी थी। 14 जून 2019 को मिर्जापुर पुलिस लाइन में आए थे। वहीं, पुलिस लाइन बैरक में रहते थे। उनकी शिक्षा बीए तक थी। जौनपुर में प्रमोशन पाकर दरोगा हुए थे। उनकी ड्यूटी अक्सर चर्चित नेताओं के गनर के रुप में रहती थी। कुछ दिनों तक उनकी ड्यूटी यूपी 100 डायल पर थी।

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जौनपुर में काफी लंबे समय तक रहने के बाद उन्हें मीरजापुर पुलिस लाइन में भेज दिया गया था। वह यहां पुलिस लाइन बैरक में ही रहते थे। मऊ के ही रानीपुर थाना क्षेत्र के दतौली गांव निवासी दरोगा के साथी दीपचंद्र राम ने बताया कि वह काफी व्यवहारिक भी थे।

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