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उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही यूपी की राजनीति गरमाई

गत लोकसभा चुनाव में विधायक से सांसद बने सत्यदेव पचौरी (गोबिन्द नगर) में उनके पुत्र अनूप पचौरी, डा रीता जोशी (लखनऊ कैट) में उनके पुत्र मयंक जोशी समेत कई अन्य जगहों पर उनके पुत्र दावेदार बनकर उभरे हैं। जिसके कारण भजपा नेतृत्व बेहद पशोपेश में है।

SK Gautam
Published on: 24 May 2023 9:24 PM IST
उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही यूपी की राजनीति गरमाई
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में चुनाव घोषणा के साथ ही यूपी की 11 सीटों पर भी चुनाव कराए जाने की तारीख आते ही यूपी की राजनीति गरमा गई है। जहां सत्ताधारी दल भाजपा में टिकट को लेकर मारा मारी और तेज हो गयी है वहीं कांग्रेस अपने पाचं प्रत्याशी घोषित करने के बाद अब बाकी प्रत्याशी भी घोषित करने वाली हैं।

बसपा अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर चुकी है। बस, उपचुनाव की तैयारियों में सबसे पीछे समाजवादी पार्टी ही चह रही है । वहीं सत्ताधाारी भाजपा में टिकट के दावेदारें की अधिक संख्या होने के कारण उसके लिए प्रत्याशियों का चयन करना टेढी खरी साबित हो रही है।

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गत लोकसभा चुनाव में विधायक से सांसद बने सत्यदेव पचौरी (गोबिन्द नगर) में उनके पुत्र अनूप पचौरी, डा रीता जोशी (लखनऊ कैट) में उनके पुत्र मयंक जोशी समेत कई अन्य जगहों पर उनके पुत्र दावेदार बनकर उभरे हैं। जिसके कारण भजपा नेतृत्व बेहद पशोपेश में है।

बाराबंकी के जैदपुर में 28, लखनऊ के कैंट में 25, टूंडला में 20 दावेदारों ने दावा ठोक रखा है। कहीं-कहीं इनसे भी ज्यादा लोग टिकट मांग रहे हैं। पार्टी नेतृत्व के लिए मंत्रियोें के प्रभाव वाले क्षेत्रों में टिकट का चयन करना सबसे अधिक चुनौती है।

वर्ष 2012 के बाद में अब तक कुल 12 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं

पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली (भाजपा के लिए उपचुनाव हमेशा चुनौती वाले रहे हैं। वर्ष 2012 के बाद में अब तक कुल 12 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं। भगवा पार्टी इनमें से केवल तीन कृलखनऊ पूर्व, नोएडा और सहारनपुर ही जीत पाई है। लोकसभा उपचुनावों में उसका प्रदर्शन तो और भी खराब है। गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में हुए लोकसभा उप चुनाव में भाजपा को हार मिली थी।

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उत्तर प्रदेश में रामपुर की रामपुर सदर, के साथ सहारनपुर की गंगोह, अलीगढ़ की इगलास, लखनऊ की लखनऊ कैंट, बाराबंकी की जैदपुर, कानपुर की गोविंदनगर, चित्रकूट की मानिकपुर, बहराइच की बलहा, प्रतापगढ़ की प्रतापगढ़ सदर, हमीरपुर, अंबेडकरनगर की जलालपुर तथा मऊ की घोसी सीटों पर उपचुनाव होना है।

प्रदेश में इस समय विधानसभा की 13 सीटे खाली पडी है जिसमें हमीरपुर सीट पर उपचुनाव 23 सितम्बर को होने जा रहा है। जबकि फिरोजाबाद की टूंडला सीट पर मामला कोर्ट में होने के कारण इस बार मतदान की तिथि घोषित नहीं की गई है। इस तरह 21 अक्टूबर को कुल 11 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है।

उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए समाजवादी पार्टी को छोटे दलों से गठबंधन की उम्मीद

17वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में इन 11 विधानसभा सीटों में से रामपुर की सीट समाजवादी पार्टी और जलालपुर की सीट बसपा के पास थी और बाकी की सभी नौ सीटों पर भाजपा का कब्जा था। बाराबंकी के जैदपुर में 28, लखनऊ के कैंट में 25, टूंडला में 20 दावेदारों ने दावा ठोक रखा है। कहीं-कहीं इनसे भी ज्यादा लोग टिकट मांग रहे हैं।

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उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए समाजवादी पार्टी को छोटे दलों से गठबंधन की उम्मीद है। राष्ट्रीय लोकदल गठजोड़ की घोषणा कर चुका है। इसी बीच समाजवादी पार्टी अलग हुए शिवपाल सिंह यादव की पार्टी में वापसी को लेकर भी अखिलेश यादव के समर्थकों को कुछ उम्मीद बंधी है।

उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। उसने अब तक अपने पांच प्रत्याशियों इगलास टूंडला गोबिन्दनगर जलालपुर और घोसी में अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है।



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