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सस्ती गाड़ी-महंगा चालान: शोरूम से निकलते ही डीलर को लगा झटका

ट्रैफिक पुलिस की बात करें तो कानून में इसको लेकर किसी तरह का कोई नियम नहीं है। ऐसे में अगर किसी कैब ड्राइवर का कॉन्डम न रखने पर चालान होता है तो शिकायत अथॉरिटी से इसकी शिकायत करनी चाहिए, जबकि दिल्ली मोटर व्‍हीकल एक्‍ट- 1993 और सेंट्रल मोटर व्‍हीकल एक्‍ट, 1989 में ऐसा कोई जिक्र नहीं है।

Manali Rastogi
Published on: 24 May 2023 3:06 AM IST
सस्ती गाड़ी-महंगा चालान: शोरूम से निकलते ही डीलर को लगा झटका
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भुवनेश्वर: नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट से जनता काफी परेशान हैं। आजकल नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। अब एक अजीबोगरीब मामला ओडिशा के भुवनेश्वर से सामने आया है। यहां शोरूम से 65,000 की स्कूटी निकालते हुए स्कूटी मालिक का एक लाख का चालान कट गया।

शोरूम से बाहर आई ही थी स्कूटी कि पुलिस ने काट दिया एक लाख का चालान

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दरअसल पुलिस ने शोरूम से आई बिना नंबर प्लेट की इस स्कूटी का एक लाख का चालान काट दिया है। कटक में एक चेक पोस्ट पर अरुण पांडा को 12 सितंबर को रोका गया था। तब उनकी स्कूटी शोरूम से निकली थी, इसलिए उसपर नंबर प्लेट नहीं था।

शोरूम से बाहर आई ही थी स्कूटी कि पुलिस ने काट दिया एक लाख का चालान

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ऐसे में स्कूटी पर रजिस्ट्रेशन नंबर होने के कारण RTO ने एक लाख का जुर्माना लगा दिया। हालांकि, इसका भुगतान डीलर करेगा क्योंकि डीलर है। 28 अगस्त को ये स्कूटी शोरूम से निकाली गयी थी। मगर उसे समय पर नंबर नहीं मिला। इसपर स्कूटी मालिक ने डीलर पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं देने का आरोप लगाया।

शोरूम से बाहर आई ही थी स्कूटी कि पुलिस ने काट दिया एक लाख का चालान

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नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट को लेकर नए-नए वाकये सामने आ रहे हैं। एक ऐसा ही मामला राष्ट्रीय राजधानी से सामने आया। मामला कॉन्‍डम और नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट से जुड़ा था। अब दिल्ली में कैब ड्राइवर आज कल कॉन्‍डम लेकर काम पर जा रहे हैं। ऐसा वह इसलिए कर रहे हैं ताकि उनका चालान न कटे।

शोरूम से बाहर आई ही थी स्कूटी कि पुलिस ने काट दिया एक लाख का चालान

क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर धर्मेंद्र नाम के एक कैब ड्राइवर एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने दो दिन पहले रोककर उसका चालान काटा था, जबकि धर्मेंद्र के पास सारे कागजात मौजूद थे। इसके बाद जब फर्स्ट ऐड बॉक्स देखा गया तो उसमें कॉन्डम नहीं था।

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इस बात पर ट्रैफिक पुलिस ने धर्मेंद्र का चालान काट दिया। जानकारी के अनुसार, उसको जब चालान की रसीद मिली तो उसमें कॉन्डम का जिक्र न करते हुए ओवर स्पीड बताया गया, जबकि फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डम रखने को लेकर कोई नियम नहीं है, लेकिन कैब ड्राईवर का मानना है कि चालान से बचने के लिए कॉन्‍डम रखना अनिवार्य है।

कॉन्डम खून रोकने में होता है मददगार

दिल्ली की सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल का इस मामले में कहना है कि कम से कम तीन कॉन्डम सार्वजनिक वाहनों के लिए हर समय मौजूद होने चाहिए। हर सार्वजनिक वाहन को कम से कम तीन कॉन्डम अपने वाहन में रखने चाहिए क्योंकि ये खून रोकने में मददगार होता है।

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हालांकि, इस संबंध में ज़्यादातर कैब ड्राइवरों को इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि उनको कभी भी ये बात बताई नहीं गयी, जबकि अगर आप किसी भी चोट पर कॉन्डम लगाएंगे तो उससे खून का प्रवाह रोका जा सकता है। इसी तरह अगर आप अस्पताल पहुंचने तक फ्रैक्चर होने पर कॉन्डम को उस चोट पर लगाएंगे तो इससे थोड़ी मदद मिलेगी।

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कॉन्डम रखने का कोई जिक्र कानून में नहीं

ट्रैफिक पुलिस की बात करें तो कानून में इसको लेकर किसी तरह का कोई नियम नहीं है। ऐसे में अगर किसी कैब ड्राइवर का कॉन्डम न रखने पर चालान होता है तो शिकायत अथॉरिटी से इसकी शिकायत करनी चाहिए, जबकि दिल्ली मोटर व्‍हीकल एक्‍ट- 1993 और सेंट्रल मोटर व्‍हीकल एक्‍ट, 1989 में ऐसा कोई जिक्र नहीं है।



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Manali Rastogi

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