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रामराज से जंगलराज: अब दलित के साथ गैंगरेप, यूपी में हैवानियत के हदें पार
रामराज्य की कल्पना को लेकर आई प्रदेश की योगी सरकार में साढे तीन साल बाद कानून व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है। आए दिन यूपी में हो रहे बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं ने इस सरकार को भी उसी रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है
लखनऊ: रामराज्य की कल्पना को लेकर आई प्रदेश की योगी सरकार में साढे तीन साल बाद कानून व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है। आए दिन यूपी में हो रहे बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं ने इस सरकार को भी उसी रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है जिस रास्ते पर पूर्ववर्ती सरकारें चलती रही हैं। राज्य सरकार के अपराध नियंत्रण के लाख दावों के बावजूद अपराध की घटनाएं रुकने का का ना नहीं ले रही है। खास बात यह है कि इन अपराधों में जहां समाज का सवर्ण वर्ग प्रभावित हुआ है वहीं दलित वर्ग भी इससे अछूता नहीं है।
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानि NCRB की इस साल जनवरी में आई सालाना रिपोर्ट कहती है
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानि NCRB की इस साल जनवरी में आई सालाना रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। यहां यह बताना जरूरी हे कि देश में महिलाओं के खिलाफ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8 है। सके अलावा प्रदेश में कुल रेप के 43,22 केस हुए यानि हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज हुए। इसके अलावा न जाने किने केस थानों में दर्ज ही नही हो पाते हैं।
rape (social media)
दलित उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ती ही जा रही हैं
प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ती ही जा रही हैं। पिछले तीन महीने में बरेली मेरठ सुल्तानपुर गोरखपुर जौनपुर आदि जिलों में दलित उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश में एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ ऊंची जाति के चार लोगों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की घटना सामने आई है। आरोपियों ने पीड़िता का गला घोंटने की भी कोशिश की। इसी तरह हरदोई जिले के आश्रम में तीन लोगों की सोते समय ईट-पत्थर से कूचकर हत्या समेत अन्य कई ऐसी बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
मायावती दलितों पर बढ़ते अत्याचार को लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त कर चुकी हैं
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती दलितों पर बढ़ते अत्याचार को लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त कर चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि यूपी सरकार की अनंत घोषणाओं और निर्देशों आदि के बावजूद दलितों और महिलाओं पर अन्याय-अत्याचार, बलात्कार और हत्या की घटनाएं नहीं रूक रही हैं। ऐसे में सरकार की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। खासकर छात्राओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
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तो ऐसी कानून-व्यवस्था किस काम की?
वहीं योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश भर में स्कूल, कालेजो, सार्वजनिक स्थलों जैसे मार्केट चैराहों, मॉल, पार्क, अन्य स्थान पर अब तक 35 लाख से अधिक स्थानों पर 83 लाख से अधिक व्यक्तियों की चेंकिग की गयी। चेक किये गये 83 लाख से अधिक व्यक्तियों में से 7,351 के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया तथा 11,564 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गयी। कुल चेक किये गये व्यक्तियों में से 35 लाख से अधिक व्यक्तियों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। उल्लेखनीय है कि महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर प्राथमिकता से पूर्णतया अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश के हर जिले में एण्टी रोमियो स्क्वाड सक्रिय है।
श्रीधर अग्निहोत्री
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