×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

किसान बिलः राजनैतिक हित साधने की होड़, जारी हैं दांव पेंच

प्रदेश की सत्‍ताधारी कांग्रेस, विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी सब किसानों के मसले पर फांद पड़े हैं।

Newstrack
Published on: 26 Sept 2020 1:32 PM IST
किसान बिलः राजनैतिक हित साधने की होड़, जारी हैं दांव पेंच
X

खेती किसानी से जुड़े बिल संसद से पास हो चुके हैं। पंजाब के राजनीतिक दलों में तो किसान हितैषी बनने की होड़ सी लग गई है। प्रदेश की सत्‍ताधारी कांग्रेस, विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी सब किसानों के मसले पर फांद पड़े हैं। अपनी ही पार्टी में उपेक्षित चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को लम्बे समय बाद किसानों के बहाने राजनीतिक रूप से सक्रिय होने का मौक़ा मिल गया है।

आढ‍़तियों का एक बड़ा वर्ग जुड़ा है राजनीति से

22 जिलों वाले पंजाब में सभी जिलों, तहसीलों और ब्‍लॉकों में दाना मंडिया हैं। इन मंडियों में फसलों की खरीद का अच्‍छा प्रबंध भी है। लेकिन इन मंडियों के ज्‍यादातर आढ़तियों का संबंध किसी न किसी राजनीतिक दल से है।

ये भी पढ़ें- वाहनों में भीषण भिड़ंत: सड़क पर चारों तरफ लाशें, कई मजदूरों की हुई मौत

Punjab Farmers किसान बिल- राजनीतिक हित साधने की कोशिश (फाइल फोटो)

इसी साल गेहूं खरीद सीजन में जब केंद्र सरकार ने आढ़तियों से किसानों का बैंक एकाउन्‍ट डिटेल मांगी तो आढ़तियों ने मना कर दिया था और तीन दिन तक खरीद बंद कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

हर कोई चल रहा है सियासी दांव

Punjab Farmers Polition किसान बिल- राजनीतिक हित साधने की कोशिश (फाइल फोटो)

पंजाब में छोटे-बड़े कुल 18 लाख से अधिक किसान हैं जो 39.67 लाख हेक्‍टेयर जमीन में खेती करते हैं। कांग्रेस, शिअद और आप का एक बड़ा वोटर वर्ग गांवों से आता है जो कृषि और डेयरी फार्मिंग से जुड़ा है। प्रदेश को एक माह में नशा मुक्‍त करने, घर-घर रोजगार देने और बेअदबी दोषियों को सजा दिलाने में विफल रही कांग्रेस सरकार किसानों में पैठ बनाने में लगी है।

ये भी पढ़ें- दीपिका पादुकोण ने उगल दिए सारे राज, कई बड़े सितारों के लिए नाम, फोन भी जब्त

वहीं मुद्दा विहीन शिअद अपने को किसानों का हितैषी बता उन्‍हें साधने में लगी। जबकि आम आदमी पार्टी के पास खोने को कुछ भी नहीं है। ऐसे में वह भी खुद को किसानो का शुभचिंतक साबित करने लगी है।

शिअद ने खेला बड़ा दांव

harsimrat Kaur Badal किसान बिल- राजनीतिक हित साधने की कोशिश (फाइल फोटो)

कृषि अध्‍यादेश पर तीन माह तक सरकार का साथ देने वाले शिअद ने संसद सत्र से एक दिन पहले पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में अपना स्टैंड बदल लिया। संसद में कृषि बिल का यह कहते हुए विरोध किया कि जब तक किसानों का संदेह दूर न हो जाए तब तक इस बिल को सदन में न लाया जाए।

ये भी पढ़ें- 1000 मौतों से हाहाकार: भारत में तबाही का मंजर देख हिले लोग, सदमे में डॉक्टर

इससे पहले पूर्व मुख्‍यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें बादल इस अध्‍यादेश को किसानों के हित में बता रहे हैं। यही नहीं प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे कर पंजाब के किसानों को साथ जोड़ने की कोशिश की है।

कांग्रेस भी पीछे नहीं

Captain Amrindar Singh किसान बिल- राजनीतिक हित साधने की कोशिश (फाइल फोटो)

पंजाब में डेढ़ साल बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस को पता है कि शिअद को हाशिये पर ला कर ही किसानों का वोट पाया जा सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। इसलिए कोरोना में मेडिकल प्रोटोकॉल के बावजूद प्रदर्शन करने वाले किसानों पर दर्ज केस वापस लेने का फैसला किया है। साथ ही किसानों को दिल्‍ली में प्रदर्शन के लिए भी कहा है। यहीं नहीं एक वीडीपीओ किसानों को कृषि अध्‍यादेश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बकायदा सरकारी लेटर जारी करता है।

ये भी पढ़ें- अब मथुरा की बारीः राम मुक्त, अब कृष्ण की मांग, मांगा 13.7 एकड़ जमीन पर कब्जा

जब यह बात मीडिया में आती है कैप्‍टन सरकार उसका तबादला कर अपना पल्‍ला झाड़ लेती है। और तो और अध्‍यादेशों और विधेयकों पर हुई बैठकों में पंजाब के वित्‍त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और कृषि सचिव काहन सिंह पन्‍नू भाग लेते रहे हैं। आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। हर छोटे बड़े मसलों पर कांग्रेस और शिअद को कोसने वाले आप नेता भी किसानों की हमर्दी पाने में लगे हैं। आप पार्टी जानती है कि सत्‍ता की सीढ़ी किसानों के सहारे से चढ़ी जा सकती है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story